प्यार किसी रीती-रिवाज, रंग-रूप और जात-पात देखकर नही होता। प्यार करने वाले शादी के अटूट बंधन में बंध ही जाते है ऐसा ही एक नजारा उत्तरप्रदेश के महाराजगंज में देखने को मिला। महाराजगंज के फरेंदा क्षेत्र के सिधवारी गांव के एक युवक और जर्मनी की युवती ने विवाह के बंधन में बंधकर ये बता दिया कि प्यार सरहद की सीमाओं के बंधन को भी पार कर जाता है।
महाराजगंज के सिधवारी गांव के रहने वाले गणेश चौधरी फौज में रहे हैं। वे परिवार के साथ चेन्नई में ही रहते थे। दसवीं में पढ़ने वाला उनका बेटा रिंकू चौधरी स्कॉलरशिप पर पढ़ाई करने जर्मनी चला गया। जर्मनी में रिंकू को वहां पर पढ़ाई के दौरान ही स्वीटी से प्यार हो गया। पढ़ाई के बाद दोनों साथ में ही जॉब करने लगे और दोनों ने शादी करने का फैसला ले लिया।
शुरुआत में दोनों की ही फैमिली इस शादी के लिए राजी नही थी पर आखिरकार रिंकू और स्वीटी के प्यार ने सभी को मना ही लिया। इस दौरान रिंकू जर्मनी की स्वीटी को अपने देश और संस्कृति के साथ रहन-सहन की जानकारी देने के लिए टूरिस्ट विजा पर तीन साल में 13 बार अपने गांव लेकर आया।
रिंकू ने स्वीटी को भारत की संस्कृति और परम्परा के बारे में भी समझाया। जर्मनी की स्वीटी भारत की संस्कृति और परम्परा से अत्यधिक प्रभावित हुई। दोनों साथ में पैतृक गांव आकर सभी जरूरी दस्तावेज़ लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे। एसपी रोहित सिंह साजवान ने दोनों की शादी में काफी मदद की। 17 मई को दोनों का हिन्दू रीतिरिवाज के साथ विवाह संपन्न हुआ।
लाल जोड़े में दुल्हन बनकर स्वीटी ने सात फेरे लेकर सात जन्मों तक साथ जीने-मरने की कसमें खाई और फिर दुल्हा-दुल्हन वापस जर्मनी लौट गए। विदेशी दुल्हन को देखकर गांव के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं था।