तेजप्रताप ने तेजस्वी को बताया दुर्योधन, कहा “दुर्योधन वह भी दे ना सका, आशीष समाज की ले न सका”

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Prabhat Sharma
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तेजप्रताप ने तेजस्वी को बताया दुर्योधन, कहा “दुर्योधन वह भी दे ना सका, आशीष समाज की ले न सका”

जहाँ एक तरह लोकसभा चुनावों को ले कर सभी पार्टियां अपनी कमर कस चुकी हैं और युद्ध स्तर पर प्रचार प्रसार कर रही है वहीं लालू यादव की पार्टी राजद में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। यादव परिवार में चल रहे झगड़े की वजह से पार्टी के नेताओं में भी मायूसी है। लालू यादव के बड़े बेटे जहाँ कुछ महीने पहले अपनी पत्नी से तलाक की ख़बरों के कारण चर्चा में थे वहीं पिछले दिनों वे बिहार की दो लोकसभा सीट पर अपने पसंद के उम्मीदवारों को चुनाव लड़वाने के लिए विद्रोह किये बैठे हैं।

तेज प्रताप ने हाल ही में अपने छोटे भाई और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सीट बंटवारे को लेकर अल्टिमेटम दिया था और अब उन्होंने ट्विटर पर रश्मिरथी किताब की कविता की कुछ पंक्तियों के माध्यम से प्रहार किया है। कविता की इन पंक्तियों में महाभारत के दुर्योधन की चर्चा की गई है।  ये पंक्तियाँ है ‘जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है।' ऐसा माना जा रहा है की तेजप्रताप इन पंक्तियों के माध्यम से अपने छोटे भाई तेजस्वी को सन्देश देने का प्रयास कर रहे हैं।

गौरतलब है की तेज प्रताप शिवहर और जहानाबाद की दो सीट पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहते हैं। इस बारे में उन्होंने मीडिया के माध्यम से तेजस्वी को भी जानकारी दी है। तेज प्रताप ने पिछले दिनों इस बाबत कहा था, 'जहानाबाद सीट से जिस सुरेंद्र यादव को टिकट दिया गया है, वह पिछले तीन चुनाव हार चुके हैं। अगर लगातार हारने वाले ही हम टिकट देंगे तो पार्टी आगे कैसे बढ़ेगी। मैं चाहता हूं कि तेजस्वी यादव यह समझें कि इन दोनों सीटों पर मेरी मांग जायज है। वे भी हमारे आदमी हैं।'

तेज प्रताप ने अपने इस ट्वीट में तेजस्वी को इशारा करते हुए लिखा, 'दुर्योधन वह भी दे ना सका, आशीष समाज की ले न सका, उलटे, हरि को बांधने चला, जो था असाध्य, साधने चला। जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है।'

हालांकि इसके बाद तेज प्रताप ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा की “जो भी मेरे और मेरे परिवार के बीच आएगा उसका सर्वनाश निश्चित है।”

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