इस लोकसभा चुनाव में नेताओं के बेटो के जगह बेटियों ने बचाई राजनैतिक कुर्सी

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Nikhil Talwaniya
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इस लोकसभा चुनाव में नेताओं के बेटो के जगह बेटियों ने बचाई राजनैतिक कुर्सी

लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम आ चुके है जिसमे बीजेपी की बड़ी जीत हुई है। इस  चुनाव में परिवारवाद भी देखने को मिला। नेताओं की विरासत को संभालने के लिए उनके बेटे और बेटियों ने भी चुनाव में हिस्सा लिया। लेकिन इस चुनाव में कई नेताओं के बेटे को हार का मुंह देखना पड़ा परन्तु वहीँ बेटियों ने राजनीतिक विरासत को बहुत अच्छे से संभाल लिया।

बता दे कि द्रमुक के टिकट पर थुतुकुड़ी सीट पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे एम करूणानिधि की बेटी कनिमोझी ने 3.47 लाख वोटों के भारी अंतर से जीत दर्ज कराई है। इसके बाद अगाथा संगमा ने भी जीत हासिल की है उन्होंने तुरा सीट से चुनाव लड़ा था   और डा. मुकुल संगमा को हराया। अगाथा संगमामेघालय के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत नेता पीए संगमा की बेटी हैं।

इतना ही नहीं यूपी में बदायूं सीट पर बीजेपी की संघमित्रा मौर्य ने भी सपा नेता धर्मेंद्र यादव को शिकस्त दी और पहली बार लोकसभा का चुनाव को जीता। मिर्जापुर सीट से केंद्रीय मंत्री अपना दल सोनेलाल की नेता अनुप्रिया पटेल ने भी जीत दर्ज कराई है।

यदि नेताओं के बेटों की बात की जाए तो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी परंपरागत अमेठी सीट से हार चुके है । लेकिन उन्होंने केरल के वायनाड से जीत मिली है । इसके बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत भी जोधपुर सीट से हार गए है। हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा भी अपने पारिवारिक गढ़ रोहतक से जीत  नहीं सके।

इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री माधव राव सिंधिया के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मध्य प्रदेश की गुना सीट से भारी मतों से हार गए । राजस्थान के बाड़मेर से बीजेपी के संस्थापक सदस्य जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह भी हार की लिस्ट में शामिल है। महाराष्ट्र में एनसीपी के नेता अजित पवार के बेटे पार्थ पवार मावल भी जीत दर्ज नहीं करा सके।

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