किसी देश ने नहीं जताई भारत के ‘मिशन शक्ति’ पर आपत्ति, अमेरिका ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया

Go to the profile of  Punctured Satire
Punctured Satire
1 min read
किसी देश ने नहीं जताई भारत के ‘मिशन शक्ति’ पर आपत्ति, अमेरिका ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया

27 मार्च को भारत ने अपनी ताक़त अंतरिक्ष में दिखाई और एंटी सैटेलाइट मिसाइल का सफल परीक्षण करने वाला विश्व का चौथा देश बन गया। इस परीक्षण का नाम ‘मिशन शक्ति’ रखा गया था और इसने भारत की विश्व के स्पेस पवार देशों की लिस्ट में अग्रणी बना दिया है। भारत के इस परीक्षण पर बहुत सारे देशों ने सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ दी हैं। इसी फ़ेहरिस्त में 'मिशन शक्ति' पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका ने यह कहा कि वह भारत के साथ अंतरिक्ष में साझा हितों और सुरक्षा पर सहयोग सहित वैज्ञानिक व तकनीकी सहयोग को आगे बढ़ाना जारी रखेगा।

अपनी प्रतिक्रिया में अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा, ''हमनें उपग्रह रोधी मिसाइल परीक्षण से संबंधित पीएम मोदी के संबोधन को देखा। भारत के साथ हमारी मजबूत रणनीतिक साझेदारी के हिस्से के रूप में हम अंतरिक्ष में साझा हितों और सुरक्षा पर वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग के बिंदु पर आगे बढ़ना जारी रखेंगे।''

अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने इस बाबत आगे कहा कि “अमेरिकी सरकार के लिए अंतरिक्ष में मलबे का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है। हमने भारत सरकार के उस बयान को देखा, जिसमें उन्होंने कहा कि 'परीक्षण अंतरिक्ष मलबे के मुद्दों को हल करने पर भी केंद्रित था।'

इस मिशन पर अन्य देशों की प्रतिक्रियाओं की बात करें तो चीन ने इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए उम्मीद जतायी थी कि सभी देश बाहरी अंतरिक्ष में शांति बनाये रखेंगे। पीएम मोदी ने बुधवार को इस मिशन की घोषणा करते हुए कहा था कि भारत ने अंतरिक्ष में एंटी सैटेलाइट मिसाइल से एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराते हुए अपना नाम अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर दर्ज करा दिया और भारत ऐसी क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया।

बहरहाल बता दें की इस परीक्षण के बाद भारत दुश्मन देशों के उपग्रहों को अंतरिक्ष में मार गिराने की रणनीतिक क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया। पहले यह क्षमता सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास ही थी।

GO TOP