नितिन गडकरी ने कहा “पाकिस्तान नहीं सुधरा तो जल्द बंद कर दी जायेगी पानी की सप्लाय”

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Prabhat Sharma
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नितिन गडकरी ने कहा “पाकिस्तान नहीं सुधरा तो जल्द बंद कर दी जायेगी पानी की सप्लाय”

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में CRPF जवानों के बसों के काफ़िले पर हुए कायराना आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से की गई जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के सारे आंतकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। इसके लिए पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय एयरफोर्स ने एयर स्ट्राइक किया था जिसमे सूत्रों के अनुसार 250 से 300 आतंकी मारे गए थे। इन सब घटनाओं के बाद से भारत पाकिस्तान के रिश्ते बद से बत्तर होते चले गए। भारत ने ना सिर्फ सेना के माध्यम से पाकिस्तान को जवाब दिया बल्कि अन्य मोर्चों पर भी पटखनी दी। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पाकिस्तान को जाने वाली पानी बंद करने की बात एक बार फिर कर दी है।

लोकसभा चुनावों की गहमागहमी के बीच प्रचार अभियान में पंजाब के अमृतसर पहुंचे भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि “पाकिस्तान अगर अपनी जमीन पर पनप रहे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है तो हम वहां जाने वाली नदियों का पानी रोक देंगे।”  

बता दें की  नितिन गडकरी अभी केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री का पद सम्हाल रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान पर आगे कहा की, 'भारत की तीन नदियों का पानी पाकिस्तान जाता है। हम उसे रोकना नहीं चाहते हैं, लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच जल संधि का आधार शांतिपूर्ण संबंध और दोस्ती थे जो पूरी तरह से गायब हो गए हैं। पाक करार पर खरा नहीं उतर रहा, इसलिए हम इस संधि का पालन करने के लिए बाध्य नहीं हैं।'

गडकरी ने इस दौरान आगे कहा, 'पाकिस्तान लगातार आतंक का समर्थन कर रहा है। अगर पाकिस्तान आतंकवाद को नहीं रोकता है, तो हमारे पास नदियों का पानी रोकने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रहेगा। इसलिए भारत ने आंतरिक रूप से इसका अध्ययन शुरू कर दिया है कि वह पानी हरियाणा, पंजाब और राजस्थान को जाएगा।'

अगर बात करें सिंधु जल समझौते की तो यह समझौता पाकिस्तान के शहर कराची में 19 सिंतबर 1960 के दिन भारत के पीएम जवाहरल लाल नेहरू और पाकिस्तान के तब के राष्ट्रपति जनरल अयूब खान के मध्य हुआ था। इस समझौते के अनुसार सिंधु, रावी, ब्यास, सतलुज, चेनाब और झेलम नदी के पानी का उपयोग भारत पाकिस्तान करते हैं।  इसके अंतर्गत भारत रावी, ब्यास और सतुलज नदी के 100 प्रतिशत पानी का उपयोग कर सकता है और झेलम, सिंधु और चेनाब नदियों के अधिकांश पानी को उपयोग पाकिस्तान कर सकता है।

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