नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनावों में अपनी जीत से लोकप्रियता के नए झंडे गाढ़ दिए हैं। उनके लोकप्रियता का प्रभाव इस कदर है कि गोंडा के एक मुस्लिम परिवार में जन्म लिए बच्चे का नाम ही नरेंद्र दामोदर दास मोदी रख दिया गया है। परिवार ने कहा कि उन्हें नरेंद्र मोदी से प्रेरणा मिली है। इस बच्चे का जन्म 23 मई को हुआ था और इसी दिन लोकसभा चुनावों के परिणाम भी घोषित किये गए थे जिसमे नरेंद्र मोदी और भाजपा को प्रचंड बहुमत प्राप्त हुआ था।
23 मई को घोषित चुनाव परिणामों में भाजपा को प्रचंड जीत मिली। इस जीत के कारण लोगों ने खूब ख़ुशियाँ मनाई। जहाँ देश में भाजपा और मोदी समर्थक गुलाल और फूलों से जीत का जश्न मना रहे थे तो वहीं दूसरी ओर गोंडा के एक मुस्लिम परिवार ने नरेंद्र मोदी के नाम पर अपने बच्चे का नाम रखकर अपनी ख़ुशी जाहिर की।
बताया जा रहा है की इस बच्चे का जन्म भी 23 मई को हुआ है। इस बच्चे का नाम नरेंद्र दामोदर दास मोदी रखने के निर्णय पर उसकी माँ को अपने ससुराल वालों को काफी मनाना पड़ा। बच्चे का यह नाम दुबई में रह रहे उसके पिता की रजामंदी के बाद ही रखा गया। परिवार वालों ने कहा कि ये उनकी व्यक्तिगत आस्था का प्रश्न है और समाज को इसमें दखल नही देना चाहिए।
यह मामला वजीरगंज थाना क्षेत्र परसापुर महरौर का है। मुश्ताक़ अहमद दुबई में काम करते हैं लेकिन पत्नी और बच्चे यहाँ रहते हैं। मुश्ताक़ की पत्नी का नाम मैनाज बेगम है। इनकी दो बेटियां भी हैं। 23 मई को मैनाज बेगम ने एक पुत्र को जन्म दिया। लेकिन सभी ससुराल वाले उस समय चौक गए जब उसने अपने बेटे का नाम नरेंद्र मोदी के नाम पर रखने की बात कही। पहले तो ससुराल वाले बहु की इस बात को मानने के लिए तैयार नही हुए लेकिन बाद में बच्चे के पिता से बात करने के बाद सब रज़ामंद हो गए।
नरेंद्र मोदी के बारे में फातिमा बेगम कहती हैं कि वे उन्हें लंबे समय से देखती सुनती आ रही हैं। उसका कहना है कि नरेंद्र मोदी काफी अच्छा काम कर रहे हैं और उनके दोबारा आने पर ये उनके लिए एक तोहफा है। तीन तलाक के मामले पर फातिमा बेगम ने कहा कि ये कानून मुस्लिम महिलाओं के लिए बड़ा सहारा है।
एक शपथ पत्र के माध्यम से परिवार के रजिस्टर में बच्चे का नाम दर्ज कराया गया। बच्चे के बाबा के अनुसार बच्चे के नाम के आगे मोहम्मद भी जोड़ा जाएगा। बच्चे के नाम का यह शपथ पत्र डीएम के कैंप कार्यालय में भेजा गया था।
मुस्लिम परिवार के इस कदम को कुछ लोग संदेह के नज़रिये से भी देख रहे हैं। लोगों को उनके मोदी भक्त होने पर संदेह है। उनका यह भी कहना है कि नामकरण इनका व्यक्तिगत मामला है लेकिन इस नाम के कारण बच्चे को भविष्य में मुश्किलें आ सकती हैं। कुछ लोगों ने 23 मई को बच्चे के जन्म की बात को भी गलत बताया। इसके अलावा शपथ पत्र में बच्चे के पिता के हस्ताक्षर पर भी संदेह किया जा रहा है क्योंकि जानकारी के अनुसार अभी वह दुबई में है।