सैनिकों के तनाव को दूर करने के लिए USA ने मंगाई थी ‘गीता’ की हजारों प्रतियाँ: मेजर जन. सुभाष शरण

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Prabhat Sharma
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सैनिकों के तनाव को दूर करने के लिए USA ने मंगाई थी ‘गीता’ की हजारों प्रतियाँ: मेजर जन. सुभाष शरण

उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के आर्मी भर्ती के एडिशनल डायरेक्टर जनरल सुभाष शरण ने अपनी रिक्रूटमेंट रैली के प्रथम राउंड में श्रीमद भगवत गीता के बारे में दिलचस्प बातें बताई। उन्होंने गीता के बारे में कहा कि हर सैनिक को भगवत गीता का अनुसरण करना चाहिए। भगवत गीता हमें आने वाली किसी भी स्थिति के लिए तैयार रखती है।

मेजर जनरल सुभाष शरण ने अपने संबोधन में कहा कि "गीता में वह सारी शिक्षाएँ हैं, जिसे एक युद्ध के मैदान में दी जाती है। गीता किसी विशेष धर्म की पुस्तक नहीं है, युवाओं को इसे ज़रूर पढ़ना चाहिए क्योंकि यह हमें जीवन में आने वाले हालातों के लिए पहले से ही तैयार करती है। यह एक ऐसी नियमावली है जो युद्ध के मैदान में सामने आयी थी और हम युद्ध के मैदान में केवल युद्ध की ही बात करते है इसलिए मैं गीता को एक सैन्य नियमावली मानता हूँ।”

मेजर जनरल सुभाष शरण ने अमेरिका का एक किस्सा बताते हुए कहा कि "अमेरिका ने अपने सैनिकों को ईरान पर तैनात करने से पहले भगवत गीता की एक एक प्रतियाँ दी थी। भगवत गीता की इन प्रतियों को अमेरिका ने भारत से विशेष आग्रह करके मंगवाई थी। अपने सैनिकों को कर्म योग का महत्व समझा सके इसलिए अमेरिका ने 30 हजार प्रतियाँ मंगवाकर अपने सैनिकों में वितरित की थी।"

सैनिकों को भगवत गीता के बारे में बताकर मेजर जनरल सुभाष शरण ने बताया कि युद्ध के अंत में क्या होने वाला है और इसके क्या परिणाम होंगे ये सोचे बिना अपने शत्रु से युद्ध करना चाहिए।

सैन्य भर्तियां एवं रोज़गार पर शुभाष शरण ने कहा कि "इस वर्ष पिछले वर्ष के मुक़ाबले हमने डेढ़ गुना ज्यादा भर्तियाँ निकाली हैं। वे और भी ज्यादा भर्तियाँ चाहते हैं, ख़ासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए पिछले वर्ष 900 भर्तियाँ निकाली गई थीं जबकि इस वर्ष यह संख्या बढ़ कर 1500 हो गई हैं।

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