इसरो ने फिर किया कमाल, एक साथ अंतरिक्ष की तीन अलग अलग कक्षाओं में लांच किये 29 सैटेलाइट

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Nikhil Talwaniya
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इसरो ने फिर किया कमाल, एक साथ अंतरिक्ष की तीन अलग अलग कक्षाओं में लांच किये 29 सैटेलाइट

भारतीय अंतरिक्ष संस्थान इसरो ने आज सुबह के 9 बजकर 27 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से एक साथ कुल 29 नैनो सैटेलाइट्स लॉन्च किए। इन 29 सैटेलाइट्स में से भारत का एक सैटेलाइट एमिसेट, अमेरिका के 24 सैटेलाइट्स, लिथुआनिया के 2  और 1-1 सैटेलाइट स्पेन तथा स्विट्जरलैंड के हैं। ऐसा पहली बार हुआ है की इसरो ने अपने मिशन में एकसाथ तीन अलग अलग कक्षाओं के लिए सैटेलाइट्स भेजे हैं। बता दें की यहाँ प्रक्षेपण पीएसएलवी-सी45 रॉकेट की सहायता से की गई है।

इस प्रक्षेपण में प्रक्षेपित किये गए भारतीय सैटेलाइट एमिसेट का उपयोग इलेक्‍ट्रोमैग्‍नेटिक स्‍पेक्‍ट्रम को मापने के लिए किया जाएगा। साथ ही साथ इसके माध्यम से सरहद पर दुश्मन देशों के रडार सिस्टम पर नजर रखने का काम किया जाएगा और दुश्मनों के लोकेशन भी पता किये जा सकेंगे। बता दें की भारतीय उपग्रह एमिसेट का भार 436 किलोग्राम और बाकी के बचे अन्य 28 उपग्रहों का पूरा भार 220 किलोग्राम है।

प्रक्षेपण का यह पूरा अभियान करीब 180 मिनट का था जिसमे पहले 17 मिनट पूरे होने पर पीएसएलवी ने 749 किलोमीटर की हाइट पर एमिसेट उपग्रह को स्थापित किया। इसके बाद करीब 504 किलोमीटर की ऊंचाई पर विदेशी नैनो सैटेलाइट्स स्थापित किए गए। बता दें की भारत में विकसित पीएसएलवी विश्व का सबसे भरोसेमंद सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल है।

बता दें की पीएसएलवी की यह 47वीं उड़ान है और जून 2017 अपनी जब इसने अपनी 39वीं उड़ान भरी थी तभी से इसे विश्व का सबसे भरोसेमंद सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल माना जाता आ रहा है। ज्ञात हो की जब भारत ने एक साथ 104 सैटेलाइट्स लॉन्च कर के पूरे विश्व को आश्चर्यचकित कर दिया था तब भी वैज्ञानिकों ने पीएसएलवी के ही पावरफुल एक्सएल वर्जन का ही इस्तेमाल किया था। साल 2008 में भारतीय मिशन चंद्रयान और साल 2014 के मिशन मंगलयान को भी इसी लॉन्च व्हीकल के माध्यम सफल बनाया गया था।

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