“फानी” तूफान से होने वाली तबाही को रोक कर दुनिया के सामने मिसाल बना भारत

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Punctured Satire
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“फानी” तूफान से होने वाली तबाही को रोक कर दुनिया के सामने मिसाल बना भारत

चक्रवाती तूफान फानी ने शुक्रवार सुबह ओडिशा के पुरी स्थित तटीय इलाकों में दस्तक दी थी।ये तूफान बहुत ही खतरनाक था इसके लिए ओडिशा के लोगो को पहले से ही सतर्क कर दिया था। लेकिन इस भीषण चक्रवात का सामना करने के बाद ओडिशा में बड़े स्तर पर कोई जनहानि का नुकसान नहीं हुआ है। फानी तूफान का सामना करके ओडिशा ने दुनिया को सिखाया है कि किस तरह जानलेवा चक्रवाती तूफानों से निपटने की तैयारी की जाए और जनहानि को कम किया जाए।

मौसम विभाग की जानकारी के बाद इस तूफ़ान की चेतावनी मिली गई थी। जिसके बाद इससे निपटने के लिए तैयारियाँ शुरू हुई।राज्य सरकार ने तूफान की खबर मिलने के बाद करीब 26 लाख टेक्स्ट मैसेज भेजे, 43 हजार वॉलंटियर्स, 1000 आपातकालीन कर्मी, टीवी पर विज्ञापन, तटीय इलाकों के पास साइरन लगाए व चेतावनी दी और सार्वजनिक घोषणा जैसे तमाम उपाय किये।

फानी तूफान आने से पहले ओडिशा में स्थानीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और एनडीआरएफ की टीमें सक्रिय हो गई थीं। एनडीआरएफ ने तूफान से निपटने की लिए 65 टीमें उतारी थीं, जो इसकी किसी क्षेत्र में अभी तक की सबसे बड़ी तैनाती है। इसके अलावा तूफ़ान से बचने के लिए लिए बनाए गए 880 विशेष शिविरों समेत करीब चार हजार आश्रय स्थलों में तटीय और नीचले इलाकों से बचाकर लाए गए लोगों को रहने-खाने की व्यवस्था की गई थी।

इस तरह की पूर्ण तैयारियाँ करने के बाद तूफान ओडिशा में ज्यादा जनहानि नहीं कर पाया। इस तरह काम करके ओडिशा सरकार और स्थानीय प्रशासन ने अपनी बेहतर योजना के कारण दुनिया के सामने ने एक मिसाल पेश की है। इसके अलावा यूएन की एजेंसी ने भी भारत में मौसम विभाग द्वारा दी गई चेतावनी और तूफान से बचने के लिए किये गए कार्यों के लिए जमकर सराहना की है।

रिपोर्ट के अनुसार कहा जा रहा था की फानी दुनियाभर में भारी नुकसान करने वाले चक्रवाती तूफानों जैसा ही था। लेकिन अगर पहले से पता नहीं चलता तो ओडिशा में बहुत लोगो मारे जाते और भारी नुकसान होता।

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