भारत पाक सीमा और नियंत्रण रेखा पर अमेरिका और इटली में प्रशिक्षित एलीट स्नाइपर कमांडो को भारतीय सेना के द्वारा तैनात किया गया है। कमांडो दस्ते को बरेटा, पॉइंट 338 लापुआ मैग्नम स्कॉर्पिओ टीजीटी बैरेट पॉइंट 50 कैलिबर रायफल से लैस किया गया है। ये रायफल हल्की हैं लेकिन ये 1800 मीटर की दुरी तक सटीक वार करने में सक्षम है।
कमांडो दस्ता इन रायफलों की सहायता से पाकिस्तानी घुसपैठियों और आतंकियों को रोकने में काफी हद तक कामयाब होंगे। सीमा पर बर्फ पिघलने के साथ ही घुसपैठिये सक्रीय हो जाते हैं तथा पाकिस्तानी सेना के द्वारा उन्हें कवर दिया जाता है। लेकिन अब भारतीय सेना उनके मंसूबों को नाकाम करने में पूरी तरह सक्षम हो चुकी है। भारत के द्वारा जो स्नाइपर तैनात किये गए हैं उनकी रेंज पाकिस्तानी सेनाओं की चौकियों तक है।
सीमा पर तैनात किये गए एलीट स्नाइपर कमांडो को कई तरह के प्रशिक्षण दिए गए हैं। वे विभिन्न अभियानों में अपनी सेवा देने में सक्षम हैं। भारतीय सेना अभी तक जो रायफल इस्तेमाल करती थी वे पुरानी पड़ चुकी थी और उनकी मारक क्षमता भी मात्र 1000 मीटर थी। एक जानकारी के अनुसार पाकिस्तान अब अधिक दुरी तक मार करने वाले हथियार उपयोग करता है। ऐसे में भारत की सेना के पास नए कमांडो और अधिक क्षमता वाली राइफल का होना बहुत ज़रूरी था।
भारतीय सेना के स्नाइपर कमांडो के पास जो राइफल हैं वे अमेरिका में निर्मित एम95 राइफल हैं। ये धातु भेदक राइफल हैं। ये धातु की बाधा को चीरकर दुश्मन को निशाना बना सकती है। इसका वजन करीब 10 किलो होता है। दुनिया के लगभग सभी बड़े देश इन राइफल का इस्तेमाल करते हैं। इन राइफल की मैगजीन में एक साथ 5 राउंड भरे जा सकते हैं।
स्नाइपर कमांडो के पास की पॉइंट 338 लापुआ मैग्नम स्कॉर्पिओ टीजीटी इटली की बरेटा कंपनी के द्वारा बनाई गई है। इस राइफल का प्रयोग अमेरिका लंबे समय से करता आ रहा है। उसने ईराक और अफग़ानिस्तान में इसे प्रयोग किया था। अभी दुनिया के लगभग 30 देश इस राइफल का इस्तेमाल कर रहे हैं।