महाराष्ट्र के आठवीं पास युवक का आविष्कार, कान में ऊँगली डाल कर कर सकेंगे बात

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Nikhil Talwaniya
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महाराष्ट्र के आठवीं पास युवक का आविष्कार, कान में ऊँगली डाल कर कर सकेंगे बात

आजकल के डिजिटल जमाने में मोबाइल हर व्यक्ति का एक प्रमुख गैजेट बन गया है और आज के जमाने में किसी भी व्यक्ति को बगैर मोबाईल के ढूंढना मुश्किल है। मोबाइल का उपयोग न केवल फोन पर बात करने के लिए किया जाता है, बल्कि फोटो लेने, गाने सुनने, इंटरनेट यूज करने के लिए भी किया जाता है। हालांकि वक़्त के साथ साथ अब मोबाइल भी बहुत स्मार्ट हो गया है और इसमें हर कुछ दिन पर नए फीचर्स आ जाते हैं। मोबाइल के साथ कुछ ऐसा ही नया आविष्कार किया है महाराष्ट्र राज्य के हिंगोली जिले के एक आठवीं पास युवक ने जिसका नाम है रवि क्षीरसागर।

रवि क्षीरसागर ने अपना यह आविष्कार 'ध्वनितरंग ' के माध्यम से किया गया था। आप जानते ही होंगे को यातायात सुविधा के लिए ऑडियो ब्लूटूथ उपकरणों का उपयोग किया जा रहा था। कुछ इसी प्रक्रिया का इस्तेमाल कर रवि ने एक ऐसे डीवाइस का निर्माण किया है जिसे पहनने के बाद कोई भी व्यक्ति अपने फिंगर कॉर्नर का इस्तेमाल करके सामने वाले व्यक्ति से सेल फोन पर बात कर सकता है।

रवि क्षीरसागर युवा हैं और वर्तमान में वाहन चालक का कार्य करते हैं। वे काम की तलाश में जालना जिले से हिंगोली आये थे और इसी दौरान अब उन्होंने यह अनोखी मशीन बनाई है। यह मशीन दरअसल एक घड़ीनुमा आकृति की है जिसे कोई भी अपनी कलाई पर घड़ी की तरह बाँध सकता है। हाथ में बंधी यह डिवाइस ब्लूटूथ के माध्यम से मोबाइल से कनेक्ट रहती है और जब मोबाइल पर किसी का फोन आता है तब बात करने के लिए व्यक्ति को बस अपने हाथ की किसी भी ऊँगली को कान में लगाना होता है और ऐसा करते ही बातचीत चालू हो जाती है।

रवि ने इस डिवाइस को बनाने में ब्लूटूथ किट, ऑडियो बोल्ड, बैटरी और कॉइल का उपयोग किया  है। रवि क्षीरसागर ने दावा किया है कि ध्वनि तरंगें शरीर की नसों से होती हुई कान तक पहुँचती हैं। इस डिवाइस को मोबाइल के चार्जर से चार्ज किया जा सकता है। यह डिवाइस एक बार चार्ज करने के बाद दो घंटे तक काम करता है।

बता दें की यह उपकरण अभी प्राथमिक रूप में है। लेकिन क्या उंगली से बात कर पारा संभव हो सकता है? विशेषज्ञ अभी भी इसपर एकमत नहीं हैं। हालाँकि, इस शोध में यह बात सामने आई है कि भविष्य में केवल उंगली से बोलना असंभव नहीं है।

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