लोकसभा 2019 के चुनावों में मिली ज़बरदस्त हार को कांग्रेस अभी तक पचा नही पा रही है। जहाँ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हार की पूरी ज़िम्मेदारी लेते हुए इस पद से इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं तो वही दूसरी ओर कांग्रेस के नेताओं में बिखराव देखा जा रहा है। इन सब के मद्देनजर कांग्रेस ने ये फैसला किया है कि वह आत्ममंथन करेगी। इस दौरान उसने अपने प्रवक्ताओं को किसी भी टीवी डिबेट में शामिल न होने का निर्देश दिया है। सूत्रों के अनुसार इस समय यदि कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ कुछ भी बोलती है तो जनता उसे पसंद नही करेगी।
कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्विटर के माध्यम से कहा कि कांग्रेस ने 1 महीने तक अपने प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट में नही भेजने का निर्णय लिया है। उन्होंने ट्विटर पर ही सभी मीडिया चैनलों और संपादकों से अनुरोध किया कि वे कांग्रेस के प्रतिनिधियों को किसी टीवी बहस में न बुलाएं।
.@INCIndia has decided to not send spokespersons on television debates for a month.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 30, 2019
All media channels/editors are requested to not place Congress representatives on their shows.
कांग्रेस पार्टी ने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि उसके अनुसार मीडिया मोदी सरकार का ही पक्ष लेती है। ऐसे में वहां जाकर खुद को गलत साबित करवाना किसी भी दृष्टि कांग्रेस के हित में नही है। कांग्रेस का तर्क है कि मीडिया में कोई भी किसान, रोजगार, मोदी के द्वारा किये गए वादों और गरीबी पर बात ही नही कर रहा है। उसके अनुसार हिन्दू मुस्लिम बहस करने और मोदी महिमामंडन करने वाले मीडिया के सामने हारने से क्या लाभ। इसके अलावा कांग्रेस प्रवक्ताओं के पास राहुल गांधी के इस्तीफे के सवाल का भी जवाब नही है।
इन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को सिर्फ 52 सीटें मिली हैं। ऐसे में पूरी कांग्रेस आत्ममंथन करने पर मजबूर हो गई है। राहुल गांधी की अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की ज़िद के कारण कांग्रेस के सामने एक और संकट पैदा हो गया है। हालाँकि उन्हें मनाने की पूरी कोशिश की जा रही है। लेकिन इस दौरान पार्टी में बड़ा आंतरिक संघर्ष पैदा हो गया है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने सशर्त अध्यक्ष पद पर रहने की बात की है। वे जब तक पार्टी को दूसरा अध्यक्ष नही मिलता तब तक इस पद रह सकते हैं। प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद एक पार्टी नेता ने बताया कि राहुल गांधी का विकल्प ढूंढना मुश्किल है। ऐसे में उन्हें ही अपना निर्णय बदलने के लिए मनाया जाएगा।
इससे पहले सपा ने भी अपने प्रवक्ताओं को हटाया था और उनका मनोनयन भी समाप्त कर दिया था। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने पत्र लिखकर समाचार चैनलों से अनुरोध किया गया था कि उनके किसी भी पदाधिकारी को आमंत्रित न किया जाए।