तेज तर्रार और बेबाक अंदाज़ वाले योगी आदित्यनाथ आज 47 वर्ष के हो गए हैं। योगी आदित्यनाथ को उनके जन्म दिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। ट्विटर पर अपने बधाई सन्देश में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि "योगी जी ने उत्तरप्रदेश का नक्शा बदलने के लिए प्रशंसनीय कार्य किये हैं। उन्होंने कृषि, उद्योग तथा कानून और व्यवस्था को सुधारने में उल्लेखनीय कार्य किया हैं। मैं उनकी लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूँ।
Greetings to Uttar Pradesh’s dynamic Chief Minister, @myogiadityanath Ji on his birthday. Yogi Ji has done commendable work in transforming Uttar Pradesh, especially in areas like agriculture, industry as well as in improving law and order. I pray for his long and healthy life.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 5, 2019
भाजपा के अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह समेत सभी बड़े भाजपा नेताओं ने भी योगी आदित्यनाथ को जन्मदिन की बधाई दी तथा उनकी दीर्घायु की कामना की। राजधानी लखनऊ में होर्डिंग और बैनर लगाकर भी प्रदेश के मुख्यमंत्री को जन्म दिन की शुभकामनाएं दी गई हैं।
योगी आदित्यनाथ का वास्तविक नाम अजय सिंह बिष्ट है। उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड (पूर्व का उत्तरप्रदेश) में पोडी ज़िले के पंचूर गाँव में हुआ था। उन्होंने गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी किया था। वे 1990 में ABVP से जुड़े।अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अजय सिंह बिष्ट गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में आ थे। इसे ही लोग उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट मानते हैं। महंत अवैद्यनाथ से दीक्षा लेने के बाद अजय सिंह बिष्ट योगी आदित्यनाथ बन गए। 1998 में महंत अवैद्यनाथ के सन्यास लेने के बाद योगी आदित्यनाथ को उनके उत्तराधिकारी के रूप में चुना गया। योगी आदित्यनाथ का एक धार्मिक संगठन भी है जिसका नाम ‘हिन्दू शक्ति वाहिनी’ है।
योगी आदित्यनाथ महज 26 वर्ष की उम्र में सांसद बन गए थे। उन्होंने 1998 में पहली बार गोरखपुर से लोकसभा चुनाव जीता था। उसके बाद वे लगातार 5 बार लोकसभा चुनाव जीते हैं। योगी आदित्यनाथ ने 2017 के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा का जमकर प्रचार किया था। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। योगी आदित्यनाथ अपने क्रांतिकारी फैसलों के कारण अक्सर चर्चा का विषय बन जाते हैं। उन्होंने महिलाओं और युवतियों से छेड़छाड़ की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए एंटी रोमियो दल का भी गठन किया था।