जहाँ एक तरह आज दुनिया भर में हर्ष और उल्लास के साथ मुस्लिम समुदाय ईद मनाने में जुटा हुआ है वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के लोगो के लिए ये ईद बहुत फीकी हो गयी है क्योंकि पाकिस्तान की आम जनता महंगाई की मार इस कदर झेल रही है की उनके पास अपने परिवार के लोगो के लिए नये कपड़े, जूते आदि तक खरीदने तक के पैसे नही बचे हैं। पिछले दो महीने में पाकिस्तान में महंगाई दर में इतनी वृद्धि हुई है कि वहां की आम जनता के लिए जरूरत का सामान खरीदना भी मुश्किल हो गया है।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, कपड़ों और ज्वैलरी का शौक अब अमीरों के बस का रह गया है। इस ईद पर इनके दाम अब गरीबों की पहुंच के बाहर हैं। पाकिस्तान के जो मॉल ईद पर हाउसफुल रहा करते थे, वह आज खाली पड़े हुए हैं। ईद के अवसर पर भी वहां के बाजारों में भीड़ नही नजर आ रही। मुद्रास्फीति की वजह से पाकिस्तान में चीजों के दाम कई गुना बढ़ गए हैं।
बाजार में आई एक महिला से जब बात कि गयी तो उसने बताया आमदनी के सीमित साधन है पाकिस्तान में महंगाई इतनी बढ़ गयी है कि घर में तीन बच्चे है पर उनके लिए नये कपड़े खरीद पाना सम्भव नही है।
चार बच्चों के पिता ने दुखी होते हुए कहा कि इस बार की ईद गरीबों के लिए नहीं है। यह ईद सिर्फ एलीट और अपर क्लास के लिए है जो 'नया पाकिस्तान’ है। पिछले एक महीने में पाकिस्तानी करंसी दुनिया में सबसे ज्यादा कमजोर हुई है, जिसकी कीमत पाकिस्तानियों को चुकानी पड़ रही है।
वहां के लोगो का कहना है कि सरकार ने उन्हें निराश किया है क्योंकि वह गरीबों के लिए राहत की उम्मीद कर रहे थे उन्हें महंगाई के अलावा कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान गरीबों के उत्थान के वादे किए गए थे लेकिन नई सरकार इसमें बुरी तरह से विफल रही। महंगाई की बढ़ती हुई समस्या के कारण पाकिस्तान में आम आदमी की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही है।