भारत में मौजूद ये ऐतिहासिक इमारतें, प्रेम के प्रतीक के रूप में पहचानी जाती हैं

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Prabhat Sharma
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भारत में मौजूद ये ऐतिहासिक इमारतें, प्रेम के प्रतीक के रूप में पहचानी जाती हैं

हर जमाने में प्रेम की कई गाथाएं सुनी सुनाई जाती है। अपने प्रेम को अमर बनाने के लिए प्राचीन काल में कई ऐतिहासिक इमारतें भी बनवाई गयी हैं जो आज भी उनके अमर प्रेम की गाथाओं को संजोकर रखे हुए है। आज भी उन स्थानों को देखकर मन खुश हो जाता है। लोग आज भी इन प्यार की कहानियों से भरी ऐतिहासिक जगहों को देखने जाते है और उन यादों को भी सुनते है जिसके कारण यह इमारतें बनी। चलिए हम आपको देश की कुछ ऐसी ही धरोहरों के बारे में बताते है जो आज भी अपने प्यार को जिंदा रखे हुए है और प्यार की मिसाल बनकर खड़ी है।

राजस्‍थान में चित्तौड़गढ़ का विशालकाय किला

चित्तौड़गढ़ किला 7वीं शताब्दी में निर्मित किया गया था यह भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है साथ ही इस किले को यूनेस्को की हेरिटेज साइट में सूचीबद्ध किया है। इस किले में मुख्य आकर्षण का केंद्र प्राचीन सफेद रानी तीन मंजिला पद्मावती का महल है जो की कमल कुंड के किनारे निर्मित है। यह किला अपने आप में विशालता का प्रतीक है साथ ही इसकी शिल्‍पकला और वास्‍तुकला भी हैरान करने वाली है। इस किले में सजावटी स्तंभों, भूमिगत तहखानों के साथ ही आकर्षक वास्तुशिल्प किया गया है जो किसी का भी मन मोह सकता है। बता दें की चित्तौड़गढ़ किला राजा रतन रावल सिंह और रानी पद्मिनी की ऐतिहासिक प्रेम कहानी का प्रतीक माना जाता है। रानी पद्मिनी को राजा ने स्वयंवर के दौरान बहुत कठिन परीक्षा से प्राप्त किया था और उसके बाद अपनी प्रिय रानी बनाकर चित्तौड़गढ़ के किले में लाए। उनकी प्रेमकहानी किले की दीवारों में गुंजायमान है। जिसे आप किले में जाकर देख सकते है।

पुणे, महाराष्ट्र का मस्तानी महल, शनिवारवाड़ा किला

पेशवा बाजीराव द्वारा शनिवारवाड़ा किला वर्ष 1730 में बनवाया गया था। यह किला भी अपने में कई ऐतिहासिक कथाओं को समेटे हुए है। पुणे का सम्मान और गौरव के रूप इस किले को पहचान मिली है। यह किला प्रथम बाजीराव और उनकी दूसरी पत्‍नी मस्तानी का घर हुआ करता था। बताया जाता है कि धार्मिक निष्ठाओं में भिन्नता होने के कारण कानूनी रूप से पेशवा बाजीराव के परिवार ने मस्तानी को पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं किया था जिसके कारण शनिवारवाड़ा किले में ही बाजीराव ने मस्तानी महल का निर्माण करवाया और वहां पर दोनों दोनों साथ रहा करते थे। परन्तु मस्तानी महल को अब नहीं देखा जा सकता है क्योंकि इसे ख़त्म कर दिया गया है। अब केवल अवशेष ही यहाँ दिखाई देते है। केवल किले की द्वार पर एक छोटे से नोटिस के रूप में लिखा है “मस्तानी दरवाज़ा”। जिसे आप आज भी देख सकते है।

मध्‍य प्रदेश का खूबसूरत रूपमती मंडप, मांडू

मांडू अपनी ऐतिहासिक वास्तुकला के लिए जाना जाता है। इसके सुरम्य पठार पर रूपमती का मंडप स्थित है। जो की मैदान से 366 मीटर की ऊंचाई पर है। रूपमती मंडप ही आकर्षक और शानदार है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ की वास्तुशिल्प बहुत ही अद्भुत है। इसकी शिल्पकारी में विशाल गोलार्ध के गुंबद, मेहराब, चौकोर मंडप शामिल हैं।  रूपमती मंडप के गुंबददार से नर्मदा नदी दिखाई देती है।नर्मदा नदी यहाँ से 366 मीटर नीचे की तरफ बहती है।

मांडू के इतिहास की बात की जाए तो यह राजकुमार बाज बहादुर के साथ रानी रूपमती की पौराणिक प्रेम कहानी के लिए जानी जाती है। बताया जाता है कि मालवा की रानी रूपमती की मधुर आवाज़ पर मांडू के अंतिम स्वतंत्र शासक सुल्तान बाज बहादुर मोहित हो गए थे और उनसे प्यार कर बैठे। सुल्तान बाज बहादुर ने इसके बाद रूपमती के समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा। इस पर रानी रूपमती ने भी राजा के सामने एक शर्त रखी की यदि वह ऐसे महल को बनवाएं जिसमे से वह अपनी नर्मदा नदी को देख सके तो ही वह उनसे शादी करेंगी। इसके कारण ही रूपमती मंडप का निर्माण हुआ जो की राजा और रानी की प्रेम कहानी की गाथा बयान करता है।

उत्तर प्रदेश के आगरा में प्यार का प्रतीक ताज महल,

ताजमहल की सुंदरता को बयान करना बहुत मुश्किल है। यह दुनिया के सात अजूबों में से एक है। साथ ही यह प्यार की निशानी भी है। सफेद संगमरमर से तरासे हुए इस ताजमहल को 1631 और 1648 के बीच मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी प्यारी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। बता दें कि उनकी पत्‍नी की मौत प्रसव के दौरान हुई थी और इसी मकबरे के अंदर उन्हें दफनाया गया था। इतना ही नहीं जब शाहजहां की  मृत्यु हुई तो उन्हें भी इसी मकबरे के समीप दफनाया गया था।

देश विदेश से लोग इसे देखने आते है और इसे देखकर आश्चर्यचकित रह जाते है। बता दें कि ताज महल के निर्माण में संगमरमर के पत्थर को राजस्थान के मकराणा से लाया गया था साथ ही कई अन्य प्रकार के कीमती पत्थर और रत्न भी अलग अलग जगहों से लाये गए थे।  ये पत्थर अफगानिस्तान, बगदाद, तिब्बत, रूस, मिश्र, ईरान आदि देशों से एकत्रित किये गए थे जिसके लिए भारी कीमत भी अदा की गई थी।

इस तरह भारत देश में ये ऐतिहासिक इमारते अपनी प्रेम कहानी की यादों को अपने अंदर संजोये हुए है और खूबसूरती से आज भी खड़ी है। इसने देखकर लोग इनकी खूबसूरती में खो जाते है। आपको जब भी मौका मिले तो इन्हे ज़रूर देखने जाये। लोग विदेशों से भी इनकी खूबसूरती देखने आते है।

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