जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया है इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में लेह-लद्दाख को एक पवित्र धरती बताया और यहां पैदा होने वाली एक संजीवनी 'सोलो' फूल के बारे में भी जानकारी दी। चलिए आपको बताते है की यह 'सोलो' फूल है क्या? इसका का असली नाम रोडिओला है। लद्दाख में स्थानीय लोग इसे सोलो के नाम से जानते हैं । यह एक प्रकार की बूटी है। इस औषधि की खोज लेह स्थित डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एलटीट्यूड ने की थी। 'सोलो' नामक पौधे के बारे में वैज्ञानिक दावा कर चुके हैं कि यह ऐसी औषधि है जो रोग प्रतिरोधी तंत्र को नियमित करता है। साथ ही यह शरीर को पर्वतीय परिस्थितियों के अनुरूप ढलने में सहायता करता है। यह 'सोलो' फूल तनाव की भी छुट्टी कर देता है।
यह पौधा बढ़ती उम्र को रोकने में काफी मददगार होता है। साथ ऑक्सीजन की कमी होने पर न्यूरॉन्स की रक्षा भी करता है। इस पौधे के औषधीय गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करते है।
शरीर को पर्वतीय परिस्थितियों के अनुरूप ढालते हैं। इस पौधे की पत्तियों का उपयोग स्थानीय लोग सब्जी के रूप में करते हैं। यह सियाचिन जैसी कठिन परिस्थितियों में वहां तैनात सैनिकों के लिए बेहद उपयोगी होता है।
मधुमेह जैसी बीमारी के लिए भी यह बहुत उपयोगी होता है। एक शोध में यह पता चला है कि रोडिओला नाम का ये फूल मधुमेह नियंत्रण करने में मददगार है। यह पौधा मानसिक थकान, नींद में सुधार लाने के लिए भी लाभकारी होता है।
रोडिओला के बेहतर स्वास्थ्य परिणामों के लिए इसका सेवन खाली पेट करना आवश्यक होता है। इसका सेवन करते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी इसका सेवन सोने से पहले नहीं करना चाहिए। इतना ही नहीं यदि थकान,तनाव या अवसाद को दूर करना है तो 400-600 मिलीग्राम रोडिओला का रोज सेवन करना चाहिए। इसके अतिरिक्त व्यायाम से 1 या 2 घंटे पूर्व 200-300 मिलीग्राम रोडिओला लेने से लाभ मिलता है।