84 दंगों पर सैम पित्रोदा के बयान ‘जो हुआ वो हुआ’ पर पीएम मोदी ने साधा निशाना

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Prabhat Sharma
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84 दंगों पर सैम पित्रोदा के बयान ‘जो हुआ वो हुआ’ पर पीएम मोदी ने साधा निशाना

हाल ही में गुरुवार को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने धर्मशाल में एक चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी को राहुल गांधी के साथ तर्क वितर्क करने की चुनौती देदी है। साथ ही पीएम मोदी पर सार्वजानिक राशि का उपयोग अपने स्वयं के प्रचार और विज्ञापनों पर करने का आरोप भी लगा दिया है। उन्होंने कहा पीएम मोदी ने बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं अभियान का आधा बजट अपने विज्ञापनों पर खर्च किया है। उन्होंने पीएम मोदी को राहुल गांधी के साथ बहस करने की चुनौती भी दी है और यह भी कहा अगर राहुल गांधी के साथ बहस नहीं कर सकते हो तो मुझ से करिये में भी एक गुजरती हूँ।

इस दौरान सैम पित्रोदा से 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के बारे में सवाल किया गया तो सैम पित्रोदा ने इस पर कहा “अब क्या है 84 का? आपने (मोदी) क्या किया है पांच साल में, उसकी बात करिए। 84 में हुआ तो हुआ, आपने क्या किया? आपको रोजगार पैदा करने के लिए वोट दिया गया था, 200 स्मार्ट सिटी बनाने के लिए वोट मिले थे आपने वो भी नहीं किया।” पित्रोदा की सिख दंगो पर की गई इस टिप्पणी पर पीएम मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान पर आयोजित सभा में कांग्रेस को घेरा।

पीएम मोदी ने अपने चुनावी भाषण के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा “इन्हें अपने पूर्वजों के नाम पर वोट तो चाहिए, लेकिन जब उन्हीं के कारनामे खंगाले जाते हैं तो इन्हें मिर्च लग जाती है। अगर आप किसी के नाम पर वोट मांग रहे हैं, तो उनके कारनामों का हिसाब भी देना होगा। कांग्रेस आजकल अचानक न्याय की बात करने लगी है।' कांग्रेस को बताना पड़ेगा कि 1984 के सिख दंगों का हिसाब कौन देगा? कांग्रेस को बताना पड़ेगा कि सिख दंगों से जुड़े लोगों को सीएम बनाना कौन सा न्याय है? कांग्रेस ने जो देश के साथ अन्याय किया, हम उसे कम करने की कोशिश कर रहे हैं। तीन दशक बाद 1984 के दंगों के आरोपी सलाखों के पीछे पहुंचे हैं। हमने बीते पांच वर्ष में सत्ता के दलालों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन्होंने जनपथ को दलालों का पथ बना दिया था।”

सैम पित्रोदा के इस बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी अपने अधिकारी ट्विटर हेंडल से ट्वीट करके कहा “देश मर्डरर कांग्रेस को उसके पापों के लिए कभी माफ नहीं करेगा।' बता दें कि 31 अक्टूबर 1984 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। इन दंगों में मारे गए 3,325 लोगों में से 2,733 अकेले दिल्ली से ही थे।”

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