यूपी के कई जिलों में ईवीएम पर छिड़ा बवाल, चुनाव आयोग ने किया सभी आरोपों का खंडन

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Prabhat Sharma
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यूपी के कई जिलों में ईवीएम पर छिड़ा बवाल, चुनाव आयोग ने किया सभी आरोपों का खंडन

महीने भर से ऊपर तक चले लोकसभा चुनावों में चुनाव आयोग को ईवीएम को लेकर कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। विपक्ष परिणामों की घोषणा से पूर्व उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर रहा है। विपक्षी दल ईवीएम की सुरक्षा को लेकर लगातार चुनाव आयोग पर हमला कर रहा है। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, चंदौली की घटना पर सफाई जारी करते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि सभी ईवीएम को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।

हर घटना के लिए चुनाव आयोग के द्वारा अलग से जवाब दिया गया है। गाजीपुर में ईवीएम की गड़बड़ियों पर आयोग ने कहा कि वहां पर स्ट्रांग रूम को लेकर प्रत्याशियों ने सवाल खड़े किये थे जिनको सुलझा लिया गया है।

ग़ौरतलब है कि गाजीपुर से महागठबंधन के प्रत्याशी अफजल अंसारी ने ईवीएम के बदलने का आरोप लगाया था और इसके कारण वे धरने पर भी बैठ गए थे। इस लोकसभा सीट पर मोदी सरकार के मंत्री मनोज सिन्हा भी चुनाव लड़ रहे हैं।

चुनाव आयोग ने चंदौली, झांसी और डुमरियागंज की घटनाओं पर अलग-अलग बयान जारी कर स्पष्टीकरण दिया है। आयोग ने कहा डुमरियागंज के आरोपों को वहां के एस पी और जिलाधिकारी की मदद से सुलझा लिया गया है।

ईवीएम से जुड़े सभी मसलों को आधार बनाकर चुनाव आयोग ने कहा है कि हर काउंटिंग केंद्र पर EVM और VVPAT को सभी राजनीतिक दलों के सामने वीडियोग्राफी के साथ सुरक्षित रूप से रखा गया है। उन्होंने कहा इन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। आयोग ने सफाई देते हुए कहा कि स्ट्रांग रूम में प्रत्याशियों को जाने की छूट दी गई है तथा सुरक्षा के लिए CPAF की भी तैनाती की गई है। आयोग ने कहा कि ऐसी स्थिति में उस पर आरोप लगाना पूरी तरह से निराधार है।

19 मई को अंतिम चरण के चुनाव संपन्न हो जाने के बाद से विपक्ष लगातार ईवीएम में गड़बड़ी की बात कर रहा है। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में विपक्षी दल आज इस मामले पर बैठक कर सकते हैं। विपक्ष की यह भी मांग है कि वोटों की गिनती में VVPAT की 50 प्रतिशत पर्चियों का मिलान किया जाना चाहिए।

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