कमलनाथ ने विज्ञापन के जरिये बिजली कटौती की समस्या पर दिया स्पष्टीकरण

Go to the profile of  Prabhat Sharma
Prabhat Sharma
1 min read
कमलनाथ ने विज्ञापन के जरिये बिजली कटौती की समस्या पर दिया स्पष्टीकरण

मध्यप्रदेश में गर्मी अपने चरम पर है। ऐसे में बिजली न होना लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। इसके कारण प्रदेश सरकार को लेकर जनता आक्रोशित है वही विपक्ष भी आलोचना कर रहा है। अब इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्थानीय अख़बारों में विज्ञापन देकर लोगों को आश्वस्त किया है। अखबार में दिए अपने इस विज्ञापन में उन्होंने बिजली कटौती को लेकर बीजेपी को परोक्ष रूप से निशाना बनाया।

अखबार में छपे विज्ञापन में लिखा था, “अभी पिछले कुछ दिनों से सामने आई बिजली की समस्‍या के पीछे बिजली की कमी कारण नहीं है, अपितु सालों से व्‍यवस्‍था में सुधार नहीं करना और उपभोक्‍ताओं तक सतत पूर्ति में मानव जनित बाधाएं उत्‍पन्‍न करना है। तात्‍कालिक रूप से पैदा की गई समस्‍या का निदान आने वाले दिनों में शीघ्र हो जाएगा जबकि व्‍यवस्‍थागत समस्‍याओं के समाधान में थोड़ा वक्‍त लगेगा। ''

कमलनाथ ने प्रदेश की जनता को भरोसा दिलाते हुए कहा है कि प्रदेश में बिजली की आपूर्ति को लेकर कोई कमी नही है। उन्होंने कहा पिछले वर्ष मई के महीने में बिजली का उत्पादन 579 करोड़ यूनिट था, लेकिन इस वर्ष मई के महीने में यह बढ़कर 653 करोड़ यूनिट हो गया है। कमलनाथ ने बार-बार बत्ती गुल होने के लिए शिवराज सरकार के दौरान लाइन का मेंटेनेंस न होने को कारण बताया।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लोगों से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों से सावधान रहें। उन्होंने प्रदेश के लोगों को भरोसा दिलाया और कहा, “मुझ पर विश्वास रखें, मैं जो बोलता हूँ उसे पूरा करता हूँ... मैं और मेरी सरकार पूरे 5 साल आपकी सेवा में तत्पर है।”

प्रदेश में लोगों को बिजली कटौती से असुविधा न हो इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अनावश्यक कटौती नही करने के निर्देश दिए हैं। उनके अनुसार प्रदेश में आवश्यकता से अधिक बिजली होने पर भी बिजली की कटौती एक गंभीर समस्या है। उन्होंने इसके लिए जवाबदेह अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही के निर्देश भी दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने बिजली को किसानों और आम आदमी से जुड़ी बुनियादी सुविधा बताया। कमलनाथ ने कहा कि आम आदमी को 24 घंटे और किसानों को कृषि कार्य के रोजाना 10 घंटे बिजली की आवश्यकता होती है। उन्होंने बिजली बहाली के काम को पूरी संवेदनशीलता के साथ करने का आदेश दिया है।

एक प्रेस विज्ञप्ति में मध्यप्रदेश के पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक और वितरण कंपनियों के अध्यक्ष सुखवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश में बिजली की उपलब्धता में कोई कमी नही है। पिछले वर्ष इस अवधि में बिजली की मांग 8600 मेगावाट दर्ज की गई थी, जबकि इस वर्ष यह 9500 मेगावाट से ऊपर है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार मई महीने में 12 प्रतिशत अधिक बिजली की आपूर्ति की गई है। उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके इसके लिए फीडर का मेंटनेंस किया जा रहा है। इसके लिए नियोजित शट डाउन लिए जाने की भी आवश्यकता होगी।

GO TOP