पाक वित्त मंत्री का आधिकारिक बयान ‘खस्ताहाल पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर है’

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Rishabh Verma
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पाक वित्त मंत्री का आधिकारिक बयान ‘खस्ताहाल पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर है’

पाकिस्तान जहाँ पहले अमेरिकी भीख के बल पर भारत को आँखे दिखाता था वहीं अब वो चीन की वजह से थोड़ा बहुत उछल कूद रहा है। हालांकि पाकिस्तान की वास्तविक स्थिति वर्तमान में बेहद दयनीय है और इसे खुद पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद अमर ने भी कबूल किया है। असद ने कहा है कि “पाकिस्तान का मूल्य ऋण इतनी खतरनाक ऊंचाई पर पहुंच चुका है कि देश दिवालिया होने के कगार के निकट आ गया है।”

पाकिस्तान के अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति के विषय पर हुए सवाल जवाब के एक विशेष सत्र में वित्त मंत्री उमर ने बुधवार को कहा कि “आप इतने भारी ऋण के बोझ के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास जा रहे हैं। हमें भारी अंतर को पाटना है।” उन्होंने आगे कहा कि “अगर पीएमएलएन समय के नंबर को देखें तो महंगाई दहाई अंक में थी, हम शुक्रगुजार हैं कि अभी हमने उस स्तर को नहीं छुआ है।

पाकिस्तानी मीडिया हाउस जियो न्यूज के अनुसार  वित्त मंत्री असद ने कहा कि “पूर्व की भांति मंहगाई अभी दहाई अंक नहीं छू पाई है। पहले देखें तो महंगाई ने समाज के हर तबके को समान रूप से प्रभावित किया। यह सही है कि महंगाई ने गरीबों पर अधिक असर डाला, हमारे शासन में यह स्थिति भिन्न है, उच्च आय वर्ग की तुलना में गरीब पर महंगाई का अपेक्षाकृत कम प्रभाव हुआ है। अर्थव्यवस्था में मंदी है जिसके परिणामस्वरूप रोजगार की दर धीमी है। आप कह रहे हैं मेरी सारी नीतियां इशाक डार की तरह ही हैं, इशाक डार का कहना है कि मैंने अर्थव्यवस्था को चौपट कर डाला। उनके कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार निर्यात नहीं बढ़ा। डालर मजबूत हुआ। पहले की आर्थिक नीतियों की वजह से और इस कारण एक देश के नाते हमें इतना अधिक नुकसान हुआ।”

बता दें की पाकिस्तान में इसी साल के मार्च महीने में महंगाई दर अपने पांच साल के सबसे ऊँचे स्तर 9.41% तक पहुंच गई है। सोमवार को पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो की ओर से रिलीज किए गए महँगाई के आंकड़ों के मुताबिक़, महंगाई बढ़ने से गरीबी रेखा के भीतर रहने वाले लोगों की संख्या में 40 लाख तक की बढ़ोतरी हो जायेगी, जबकि इस मामले में इस वर्ष दस लाख लोग और बेरोजगार हो जाएंगे।

पाकिस्तान में महंगाई का यह स्तर साल 2014 के अप्रैल के स्तर के बाद से सबसे अधिक है, उस वक़्त पाक में महंगाई दर 9.2% थी ।  बहरहाल पाकिस्तान की इस स्थिति के पीछे कुछ हद तक भारतीय दवाब और ज्यादा पाकिस्तान की खुद की कारगुजारियां हैं। जिस देश में लोग खाने को मोहताज है वो विश्व की छठी आर्थिक महाशक्ति भारत से युद्द की स्थिति में सदैव बना रहता है और आतंकवाद पर बहुत सारा पैसा खर्च करता है।  यह सब धीरे धीरे पाकिस्तान की भीतर से खोखला बना रहा है और जल्द ही इसकी वजह से पाकिस्तान और बुरी स्थिति में पहुँच जाएगा।

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