सोशल मीडिया पर इस बंदे ने पाकिस्तानी आर्मी के प्रवक्ता आसिफ गफूर को कर दिया ट्रोल

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Rishabh Verma
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सोशल मीडिया पर इस बंदे ने पाकिस्तानी आर्मी के प्रवक्ता आसिफ गफूर को कर दिया ट्रोल

कुछ दिन पहले मोदी सरकार ने संसद में एक प्रस्ताव पारित करके जम्मू-कश्मीर की 70 साल पुरानी समस्या को खत्म कर दिया है अर्थात जम्मू कश्मीर को देश से भिन्न करने वाली धारा 370, 35 A को खत्म कर दिया गया है। मोदी सरकार के इस निर्णय के बाद अब जम्मू कश्मीर भी भारत के अन्य राज्यों के सामान है। इस काम को करने से पहले मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर में बहुत सी बंदिशे लगाई थी जैसे धारा 144, फ़ोन और इंटरनेट दोनों को बंद कर दिया था। इन सब से जम्मू कश्मीर के लोगों को थोड़ी परेशानी हुई थी परन्तु सबसे ज्यादा परेशानी पाकिस्तान को हुई। फ़ोन और  इंटरनेट बंद होने के कारण कश्मीर की कोई जानकारी पाकिस्तान को नहीं मिल पा रही है और न ही वो अपना कोई प्रोपोगेंडा फैला पा रहा है।

अब पाकिस्तान के लोग कश्मीर में माहौल बिगाड़ने के सोशल मीडिया पर झूठी तस्वीर को झूठे वीडियो शेयर कर रहे है। लेकिन भारत के लोग उन फोटो और वीडियो का सत्यापन कर उनके मंसूबों पर पानी फेर देते है। कश्मीर की हालत जानने के लिए पाकिस्तान की सेना और अन्य लोग बहुत ही उत्सुक है और इस उत्सुकता का फायदा सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति ने उठाया है।

सोशल मीडिया पर एक यूज़र ने पाकिस्तान आर्मी के प्रवक्ता आसिफ गफूर और उसकी बातचीत का एक स्क्रीन शॉट शेयर किया है जिसमे उस लड़के ने ट्विटर पर पाकिस्तान की आर्मी के प्रवक्ता आसिफ गफूर से मदद मांगते हुए कहा कि "वह कश्मीर है और जैसे तैसे वह छुपता छुपाता दिल्ली पंहुचा है। कश्मीर में भारतीय सेना ने हजारों निर्दोष नागरिकों को कैद कर रखा है मेरे पास इन सबकी फोटो भी है।” इस मैसेज के बाद आसिफ गफूर ने रिप्लाई करते हुए कहा कि "कृपया आप हमें वो सभी तस्वीर भेजे जिससे हमें बहुत मदद मिलेगी।"

आसिफ गफूर के रिप्लाई आने के बाद उस लड़के ने 1971 के भारत पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के बाद बंदी बनाए हुए 91 हजार पाकिस्तानी सैनिकों की फोटो शेयर कर दी जिसे देख कर आसिफ गफूर ने उस लड़के को ब्लॉक कर दिया है।

जानकारी दे दें कि पाकिस्तान जो कश्मीर का माहौल ख़राब करने के लिए जो झूठी तस्वीर वीडियो शेयर कर रहा है उसके लिए जम्मू कश्मीर के अधिकारी एसएसपी इम्तियाज और आईएएस शाहिद चौधरी भी ट्विटर पर इन सब फेक ख़बरों को झूठा साबित कर इनके मंसूबो पर पानी फेर रहे है।

नोट: इस वायरल मैसेज की सत्यता की पुष्टि Punctured Satire नहीं करता है।

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