मोदी ने सफाई कर्मचारियों के पांव धो कर अपने विरोधियों को भी कई मायनों में धो दिया है

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Nikhil Talwaniya
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मोदी ने सफाई कर्मचारियों के पांव धो कर अपने विरोधियों को भी कई मायनों में धो दिया है

हमारे देश के ज्यादातर लोगों के वर्तमान दृष्टिकोण को देखें तो पाएंगे की वे सफाई कर्मचारियों को हेय दृष्टि से देखते हैं पर सच में ऐसा होना नहीं चाहिए। भारतीय संस्कृति में सफाई को बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता रहा है तभी घरों में और रसोई में सफाई का विशेष ख्याल रखते हुए अपने चप्पलों को दरवाज़े के बाहर उतार कर प्रवेश किया जाता था। पर सफाई कर्मचारियों को आज के जमाने में इतना ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है। साल 2014 में जब मोदी पीएम बने तो उनकी कुछ आरम्भिक योजनाओं में स्वच्छ भारत योजना भी एक थी। इससे तभी पता चल गया था की मोदी सफाई के प्रति कितने ज्यादा महत्वाकांक्षी हैं। कल जब प्रयागराज शहर में चल रहे कुम्भ मेले में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों के पांव धोते और पोछते हुए पीएम मोदी नजर आये तो मोदी की सफाई के प्रति महत्वाकांक्षा और ज्यादा प्रबलता से सामने आयी।

बहरहाल अगर बात विरोधियों की करें तो उनका काम है विरोध करना तो बंदा कितना भी कुछ कर ले विरोधी विरोध करने से बाज नहीं आने वाले और आखिर में हुआ भी वही। कई लुटियन पत्रकारों और मोदी विरोधियों ने मोदी द्वारा किये गए इस कार्य को चुनावी स्टंट बता दिया। जबकी ये तो सब जानते हैं की सफाई का आंदोलन वे अपने शुरूआती दिनों से चला रहे हैं जब वे सत्ता में आये थे और यह कार्य भी उसी कड़ी का एक हिस्सा है जिसमे मोदी ने सांकेतिक रूप से लोगों को बताया है की सफाई कर्मचारियों का कितना ज्यादा महत्व है और लोगों को भी उन्हें सम्मान देना चाहिए।

बता दें की पीएम मोदी प्रयाग कुंभ में शामिल होने के लिए उत्तरप्रदेश पहुंचे थे।इस दौरान उन्होंने अन्य भक्तों की तरह गंगा स्नान किया और वहां आरती भी की। इसके बाद उन्होंने वहां का सफाई कार्य देख रहे सफाईकर्मियों के पैर धोते हुए उन्हें नमन किया। इसके अलावा उन्होंने कुम्भ मेले के स्वच्छता कर्मियों, स्वच्छाग्रहियों व सुरक्षाकर्मियों को सम्मानित भी किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छता कर्मियों दिये गए इस सम्मान से सभी स्वच्छता कर्मी बड़े उत्साहित नजर आये। वहां मौजूद सफाईकर्मियों ने प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए इस सम्मान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की “प्रधानमंत्री ने खुद हमारे पाँव धोए, हमें प्रणाम किया और हमारा मान बढ़ाया। हमने कभी सोचा नहीं था कि हम लोगों को कोई इस तरह मान-सम्मान दिया जायेगा।”

बहरहाल अब अगर बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरोधियों की करें तो वे लोग जो हर बात में जाती धर्म लेकर सामने खड़े हो जाते हैं। गरीब और पिछड़ों की बात करते हुए राजनीति करते हैं उन्हें मोदी द्वारा किये गए इस कार्य से समस्या तो होगी ही क्योंकि मोदी इतिहास का ऐसा एकलौता पीएम है जिसने ऐसा कुछ किया है ताकि समाजिक समरसता देशवासियों में आये। अब इस पर राजनीति करने वाले इस कृत्य के बाद खुद को धुला हुआ समझ रहे होंगे क्योंकि कहीं ना कहीं पिछड़ों का मुद्दा मोदी उनसे छीनते नजर आ रहे हैं।

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