पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा कई बार भारत पर किये गए आतंकी हमलों का हाथों हाथ जवाब देने के लिए भारत के इसरो और डीआरडीओं ने मिलकर एमीसेट नामक उपग्रह तैयार किया है जो अंतरिक्ष से पाकिस्तान की सीमा पर हो रही इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट और मानवीय मूवमेंट पर नजर रखने के लिए तैयार किया गया है। इसरो इसे 1 अप्रैल को अंतरिक्ष में छोड़ेगा। यह उपग्रह इतना लाभदायक है कि अंतरिक्ष में इसकी तैनाती के बाद भारत की रक्षा और भारतीय सरहदों की निगरानी में कई गुना फायदा होगा।
इसरो एवं डीआरडीओं के वैज्ञानिकों के अनुसार एनीसेट एक मिलिट्री उपग्रह है। इस उपग्रह की मदद से दुश्मन की रडार और सेंसर पर नजर रखी जा सकती है। 1 अप्रैल को भारत द्वारा एमीसेट के साथ साथ 28 विदेश उपग्रह भी अंतरिक्ष में 3 अलग अलग ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा।
🇮🇳 #ISROMissions 🇮🇳#PSLVC45 set to launch #EMISAT and 28 foreign satellites from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota on April 1, 2019, subject to weather conditions. Updates will continue. pic.twitter.com/xs5ZLT5Jt3
— ISRO (@isro) March 25, 2019
एमीसेट उपग्रह से हमें दुश्मन की रडार और उनके सेंसर की जानकारी मिलेगी। साथ ही ये हमें दुश्मन के इलाके का सुव्यवस्थित इलेक्ट्रॉनिक नक्शा बनाने में मदद करेगा। इसके द्वारा हमें सीमाओं पर मौजूद मोबाइल फ़ोन व अन्य दूरसंचार यंत्र की सटीक जानकारी भी मिलेगी। सबसे महत्वपूर्ण है कि इस उपग्रह के द्वारा हमें मोबाइल व अन्य दूरसंचार यंत्रो पर होने वाली बातों को भी डिकोड करने में मदद करेगा।
भारत द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट पर की गई एयरस्ट्राइक के पश्चात् एनटीआरओ ने हमले के समय 300 मोबाइल फ़ोन एक्टिव होने की जानकारी दी थी। परन्तु विपक्ष द्वारा इस पर कई सवाल उठाये गए थे। अब इस उपग्रह के अंतरिक्ष में स्थापित होने के बाद इस तरह के प्रश्न कोई नहीं उठा पायेगा।