राहुल गांधी ने ‘चौकीदार चोर है’ बयान पर माफ़ी मांगने के बजाय किया ये काम, सुप्रीम कोर्ट में दी सफाई

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Prabhat Sharma
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राहुल गांधी ने ‘चौकीदार चोर है’ बयान पर माफ़ी मांगने के बजाय किया ये काम, सुप्रीम कोर्ट में दी सफाई

राफेल डील को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई बयान दिए। इसके लिए उन्होंने ‘चौकीदार चोर है’ जैसे शब्द का भी उपयोग किया। बता दें की राफेल डील विवाद में कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अवमानना का नोटिस जारी किया था। अब सुप्रीम कोर्ट में एक नया हलफनामा पेश किया गया है जिसमे कोर्ट ने माना है कि राहुल गांधी ने चौकीदार चोर है' वाले बयान पर सिर्फ खेद व्यक्त किया है इसमें उन्होंने माफ़ी नहीं मांगी। अपने हलफनामे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि कोर्ट को राजनितिक मामले में नहीं लाना चाहते है। लेकिन अदालत की अवमानना को मुद्दा बनाकर बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी राजनीतिक खेल खेल रही है।

बता दें कि पिछले हफ्ते ही कोर्ट ने इस मामले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था और कहा था कि  राफेल डील पर दिसंबर में दिए गए फैसले की पुनर्विचार याचिका सहित ही अवमानना की याचिका की सुनवाई की जाएगी।

ग़ौरतलब है कि बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी की ओर से वरिष्ठ अधवक्ता मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि राहुल गांधी ने अपने बयान 'चौकीदार चोर है' के लिए कोर्ट के समक्ष माफी नहीं मांगी है जिसके लिए उन पर अवमानना का मामला लगाया जाना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि कानून की निगाह में दुख जताना और माफी मांगना दोनों ही  अलग-अलग मायने रखते है। इसलिए यह एक नहीं हो सकते है।  

इस विषय पर वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने बोला कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चौकीदार चोर है वाले अपने बयान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के ऊपर कमेंट को एक साथ मिलाकर उस पर दुख जताया था जो की एक तरह की राजनीतिक नारेबाजी ही थी। ऐसा कैंपेन के समय हो गया था।

बता दे कि 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी से बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी की तरफ से दाखिल की गयी याचिका पर सफाई मांगी थी।

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