ज़मीन से हवा में मार करने वाली मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल का सफल परीक्षण भारतीय नौसेना द्वारा किया गया। इस मिसाइल की क्षमता 70 किमी के दायरे में आने वाले लड़ाकू विमानों, ड्रोन, मिसाइलों, निगरानी विमानों, हेलीकॉप्टरों को मार गिराने की है। इसके सफल परीक्षण के साथ अब इंडियन नेवी उन देशों में सम्मिलित हो गया है जो इस विशिष्ट क्षमता को रखते है।
यह मिसाइल हवा से एकसाथ ही कई दुश्मनों पर 360 डिग्री में घूमकर आक्रमण कर सकती है। बता दे की इस मिसाइल का सफल परीक्षण भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस कोच्चि और आईएनएस चेन्नई ने पश्चिमी समुद्र तट पर किया गया। इस परीक्षण के दौरान विभिन्न हवाई टारगेट को इंटरसेप्ट भी किया गया अर्थात हवा में टारगेट को ख़त्म किया गया।
With the successful 'Co-operative Engagement' firing of Medium Range Surface to Air Missile, #IndianNavy achieves a significant milestone in enhancing its Anti-Air Warfare Capability. @SpokespersonMoD @DefenceMinIndia @adgpi @IAF_MCC pic.twitter.com/jteXZLkmny
— SpokespersonNavy (@indiannavy) May 17, 2019
इस मिसाइल को खास भारतीय नौसेना के लिए इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज की मदद से डीआरडीएल हैदराबाद और डीआरडीओ ने संयुक्त रूप से निर्मित किया है। इन मिसाइलों को कोलकाता क्लास के विध्वंसक युद्धपोत में भी लगाया जा सकता है। इसका इस्तेमाल भविष्य में भारतीय नौसेना के सभी युद्धपोतों में भी किया जा सकता है।
इस मिसाइल की ख़ासियत यह है की यह 70 किमी के दायरे में आने वाली सभी लड़ाकू विमानों, मिसाइलों, हेलीकॉप्टरों, निगरानी विमानों, अवाक्स, ड्रोनों को आसानी से मार गिरा सकती है। एमआरएसएएम मिसाइल हवाई रक्षा के लिए हर मौसम में कार्य कर सकती है। यह 2469.6 किमी प्रति घंटे की गति से दुश्मनों पर हमला कर सकती है साथ ही 360 डिग्री पर घूमकर भी विभिन्न तरह के ख़तरों पर भी हमला कर सकती है। इस मिसाइल का वजन 276 किलोग्राम है और यह 14.76 फीट लंबी है।
बता दें कि इससे पहले रूस के साथ भारत ने एस-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम की डील की थी। यह देश को होस्टाइल जेट, ड्रोन, बम, मिसाइलों से रक्षा प्रदान कर सकता है।