आतंकी मसूद अज़हर पर सहयोग के बदले अमेरिका ने रख दी भारत के सामने यह शर्त

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Nikhil Talwaniya
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आतंकी मसूद अज़हर पर सहयोग के बदले अमेरिका ने रख दी भारत के सामने यह शर्त

ईरान से तेल आयात के मामले में रोक के अलावा अब अमेरिका भारत के सामने एक और मुसीबत खड़ी कर रहा है।  इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने कहा कि वह पुलवामा हमले के बाद भारत को आतंक से लड़ने में सहयोग कर रहा है, लेकिन वह चाहता है कि भारत भी ईरान के आतंकी नेटवर्क को ख़त्म करने में अमेरिका का साथ दे।

अमेरिका ने अपनी बातचीत में कहा कि वह चाबहार बंदरगाह के विकास में अपनी छूट जारी रखेगा। लेकिन वह चाहता है कि ईरान की सत्ता के ख़राब रवैये को ठीक करने के लिए उसके तेल निर्यात ख़त्म किया जाए। अमेरिका ने अब ये खुले तौर पर कह दिया है कि ईरान के तेल उपभोक्ताओं को अब कोई छूट नही मिलेगी।

अमेरिका ने ईरान से तेल आयात के मामले में भारत समेत 8 देशों को छूट दे रखी थी। इस छूट की समय सीमा 2 मई को समाप्त हो रही है। यदि कोई देश इसके बाद भी ईरान से तेल का आयात करता है तो उसे अमेरिका का प्रकोप झेलना पड़ सकता है।

अमेरिका की तरफ से भारतीय अधिकारियों को जानकारी दी गई है कि उनकी यह नीति भारत के खिलाफ नही है बल्कि इसे ईरान पर अधिकतम दबाव बनाने के लिए अपनाया जा रहा है। इस बारे में भारत से बात करने के लिए यूएस स्टेट विभाग के अधिकारी जल्द ही भारत आने वाले हैं।

संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में अमेरिका अगुवाई कर रहा है। उसके द्वारा ब्रिटेन और फ्रांस के साथ सहयोग किया जा रहा है और चीन पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।

अमेरिका के प्रतिबंधों के चलते पिछले वर्ष ईरान को तेल निर्यात से मिलने वाले राजस्व में भारी गिरावट आई थी। अमेरिका ने ईरान पर आरोप लगाया था कि वह इस पैसे से ‘हमास’ और ‘हेजबोल्लाह’ जैसे आतंकी संगठनों को मदद दे रहा है।

ईरान और अमेरिका के बीच तनाव इतना बढ़ गया है कि अमेरिका ने ईरान की इस्लामिक रेवोलुशनरी गार्ड कॉर्प्स को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। इसके बदले में ईरान ने भी अमेरिकी सेना को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है।

अमेरिका के द्वारा 8 देशों पर लगाए गए प्रतिबंध का जवाब चीन की तरफ से भी आ गया है। चीन ने अपने पुराने रुख को दोहराते हुए कहा है कि चीन अमेरिका के द्वारा लगाए गए एकतरफा प्रतिबंधों की आलोचना करता है तथा वह अपने देश के हितों और क़ानूनी अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत ने कहा है कि अमेरिका के इस प्रतिबंध से उसकी तेल आपूर्ति प्रभावित नही होगी क्योंकि उसने दूसरे विकल्प तलाश कर लिए हैं। भारत तेल निर्यात के मामले में ईरान के लिए एक महत्वपूर्ण देश है। ईरान के कुल तेल निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 10% है और उसने चाबहार बंदरगाह के निर्माण में भी निवेश किया है। अमेरिकी दबाव के मद्देनज़र दोनों देशों के रिश्तों में तनाव पैदा हो रहा है।

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