कठुआ रेप पीड़िता के पिता के खाते में बचे महज़ ₹35000, कहाँ गया डोनेशन में आया सारा पैसा?

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Prabhat Sharma
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कठुआ रेप पीड़िता के पिता के खाते में बचे महज़ ₹35000, कहाँ गया डोनेशन में आया सारा पैसा?

जम्मू कश्मीर के कठुआ गाँव में हुए 8 साल की बच्ची के साथ बलात्कार और फिर उसकी हत्या की घटना देश के लिए दिल दहला देने वाली थी। पीड़िता का पूरा परिवार भीषण दुःख और गुस्से में था। इस निर्दयी घटना की देश भर में काफी निंदा की गई थी। पीड़िता के परिवार की मदद के लिए कई सामाजिक कार्यकर्ता, नेता और संगठन सामने आये। इस समय परिवार की मदद करने के लिए इनकी अगुआई में कई कैंपेन चलाये गए। रिपोर्ट के अनुसार इनसे लाखों रूपये इकट्ठे कर लिए गए।

इस पूरे मामले में अब एक और बात निकल कर आ रही है जो सबको चौंका सकती है। हाल ही में पीड़ित बच्ची के पिता ने कहा है कि उनके खाते से डोनेशन से इकठ्ठा हुआ पैसा धोके से निकाल लिया गया है। अब उनके खाते में सिर्फ 35000 रूपये ही बचे हैं। उन्होंने कहा की उन्हें डोनेशन के द्वारा 1 करोड़ रूपये तक जमा कर लेने की बात कही गई थी।

उनके खाते से पिछले तीन महीनों में 10 लाख रूपये निकाले जा चुके हैं। किसी असलम खान ने जनवरी 11, 14, 15 और 18 जनवरी को खाते से कुल 2 लाख रूपये निकाले। पासबुक के ट्रांसेक्शन डिटेल के अनुसार पीड़िता के पिता के खाते से 21 से 22 जनवरी की बीच 4 लाख रूपये निकाले गए।

बैंक के अनुसार पैसे चेक के द्वारा निकाले गए थे। बैंक को जो चेक प्राप्त हुए थे वे प्रॉपर थे और उनमें बैंक के नियमों का पालन भी किया गया था। इसलिए उन्हें मना करने का कोई आधार नही था।  बैंक के अनुसार अगले नोटिस तक पीड़िता का परिवार इस चेक बुक को ब्लॉक करवा सकता है। बैंक ने कहा कि कोई ऐसा व्यक्ति जो उनका क़रीबी हो और बैंक खाते की डिटेल जानता है वही ये काम कर सकता है।

पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी मदद करने के लिए कई नेता और सामाजिक कार्यकर्ता आगे आये थे लेकिन अभी कोई भी उनकी खबर नही ले रहा है। पीड़िता के दादा ने कहा कि जो लोग हमें न्याय दिलाने के लिए आगे आये थे वे अब हमारा फ़ोन उठाने से भी बच रहे है। पिछले साल नवंबर में खबर आयी थी कि कोर्ट में सुनवाई के लिए कारगिल से पठानकोट तक जाने के लिए उन्हें अपने पशु तक बेचने पड़े।

पीड़िता का परिवार अब मांग कर रहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी दी जाए कि उनकी मदद के नाम पर कितना पैसा इकट्ठा किया गया था। इस दरमियान एक ऐसा ऑडियो टैप भी मिला है जिससे इस मामले में जमा हुई बड़ी रकम के बारे में खुलासा हुआ है। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी की शेहला राशिद ने दावा किया था की डोनर्स से कुल 40 लाख रूपये तक का फंड इकट्ठा हुआ था।

मीडिया में ऐसी खबरें भी आयी हैं जिनमें कहा गया था कि पीड़िता के परिवार की मदद के लिए लाखों की दानराशि इकट्ठी हुई थी लेकिन ये फंड कभी उन तक पहुंचा ही नही। कुछ रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि जेएनयू स्टूडेंट यूनियन और दूसरे ऑनलाइन कार्यकर्ताओं ने यह फंड पीड़िता की परिवार को देने का भी कोई प्रयास नही किया। जेएनयू की छात्रा और कार्यकर्ता शेहला राशिद के अनुसार पैसा पीड़िता के परिवार तक पहुँचने में देर हो रही है क्योंकि परिवार के पास जॉयंट खाता और पैन कॉर्ड नही है।

अब शेहला राशिद ने भी जेकेपीएम से जुड़कर राजनीति में एंट्री मार ली है। इस कैंपेन के एक प्रमुख कार्यकर्ता तालिब हुसैन को रेप के आरोप में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है। बाद में उसने मेहबूबा मुफ़्ती की पार्टी पी डी पी को ज्वाइन कर लिया है।

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