पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार प्रचंड बहुमत के साथ देश में दोबारा बन गयी है। पीएम मोदी ने बहुत ही समझदारी से अपने नए मंत्रिमंडल का गठन किया है। उन्होंने इसमें प्रत्येक वर्ग की हिस्सेदारी रहे इसका पूरा ध्यान रखा है। बहरहाल नए मत्रिमंडल में कुछ चौकाने वाले नाम भी सम्मलित हुए हैं। इनमे सबसे ख़ास है अमित शाह का गृहमंत्री बनना। हालांकि उनके गृहमंत्री बनते हीं उनका असर देश के कुछ हिस्सों में दिखने लग गया है। खासकर के कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के सुर अमित शाह के गृहमंत्री बनते हीं बदल गए हैं।
कश्मीर मसले की जटिलताएं जगजाहिर है और वहां के अलगाववादी नेता केंद्र की सरकार तथा भारतीय सेना का कितना विरोध करते हैं ये भी सब जानते है। पर अब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आरम्भ और अमित शाह के गृह मंत्रालय सम्हालने के बाद अब इन नेताओं के भी सुर बदलने लग गए हैं।
कश्मीर की अलगाववादी पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के सुप्रीमों मीरवाइज उमर फारूक ने कहा है कि प्रचंड बहुमत हासिल करके वापिस सरकार बनाने वाले पीएम मोदी को कश्मीर मुद्दे के समाधान में निर्णायक भूमिका निभाने का मौका दिया है। फारूक ने उम्मीद जतायी कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बातचीत की पेशकश को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नयी सरकार गंभीरता से लेगी।
उन्होंने इस दौरान कहा की, 'भारत के लोगों ने मोदी और उनकी पार्टी को सत्ता में वापस लाने के लिए भारी मतदान किया। यह जनादेश मोदी को काफी समय से लंबित कश्मीर समस्या के समाधान में निर्णायक भूमिका निभाने का मौका देता है।'
बता दें कि कुछ समय पहले तक आतंक को वित्तीय सहायता देने के आरोप में दो बार मीरवाइज को समन मिला था पर उसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया था। इसके उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी के सामने कुछ दिन पहले ही में हाजिर होना पड़ा था। मीरवाइज ने इस दौरान अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता भी जताई थी।