गोवा: भाजपा सरकार से संकट के बादल छटे, आधी रात को एमजीपी के 2 विधायक हुए भाजपा में शामिल

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Rishabh Verma
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गोवा: भाजपा सरकार से संकट के बादल छटे, आधी रात को एमजीपी के 2 विधायक हुए भाजपा में शामिल

मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद से गोवा में सियासी सरगर्मियां तेज हैं। जहाँ कांग्रेस ने पर्रिकर के निधन के तुरंत बाद सरकार बनाने का दावा  ठोक दिया था वहीं भाजपा ने किसी तरह अपनी सरकार प्रमोद सावंत के नेतृत्व में बना दी। हालांकि सरकार बन जाने के बाद भी सरकार पर से संकट के बादल नहीं छटे थे। पर गोवा में कल देर रात एक नए सियासी ड्रामे के तहत करीब 1:45 बजे महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) का विलय भाजपा के साथ हो गया।

बता दें की गोवा विधानसभा में एमजीपी के कुल तीन विधायक हैं और उसके दो विधायक- मनोहर अजगांवकर और दीपक पवास्कर ने अपनी पार्टी के भाजपा में विलय होने का पत्र विधानसभा स्पीकर का कार्यभार संभाल रहे माइकल लोबो को सौंप दिया है। इस विलय को क़ानूनी तौर पर निरस्त भी नहीं किया जा सकता है क्योंकि दल बदल कानून के तहत अगर किसी पार्टी के दो तिहाई विधायक एक साथ अलग होकर नई पार्टी बनाते हैं या फिर किसी दूसरी पार्टी में मिल जाते हैं तो उन पर दल बदल कानून लागू नहीं हो पाता है।

वर्तमान में 36 सदस्यों वाले गोवा सदन में भाजपा के अब 14 विधायक हो गए हैं। बहरहाल गोवा विधानसभा के स्पीकर को सौंपे गए विलय पत्र में जिस एकमात्र विधायक ने दस्तखत नहीं किये हैं, वे अभी सरकार में सहयोगी दल के कोटे से उपमुख्यमंत्री सुदिन ढवलीकर हैं। स्पीकर लोबो ने एमजीपी के टूटने की खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि दो तिहाई विधायकों ने अलग पार्टी बनाकर भाजपा में विलय कर लिया है। संविधान के अनुसार सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।

इस नए सियासी घटनाक्रम के बाद गोवा विधान सभा में पार्टियों की स्थिति देखी जाए तो कांग्रेस और भाजपा के 14-14 विधायक, गोवा फॉरवर्ड ब्लॉक के 3 विधायक, निर्दलीय 3 विधायक और राकंपा तथा अन्य के 1-1 विधायक हैं।

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