हजारों सालों की परंपरा अनुसार किसी मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार पुरुष के द्वारा ही किया जाता है। लेकिन अब छत्तीसगढ़ की कुछ महिलाओं ने लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर इंसानियत की अनूठी मिसाल पेश की है। यदि किसी मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने वाला कोई न हो तो शायद ही ऐसे लोग होंगे जो उसके अंतिम संस्कार को करने के लिए आगे आते होंगे। ऐसे में इन महिलाओं ने लावारिश शवों का अंतिम संस्कार करने का बीड़ा उठाकर मानवता का अद्भुत उदाहरण पेश किया है।
ये नेक काम करने वाली चार बहनों ने अपना 'अनमोल फ़ाउंडेशन' बनाया है। उन्होंने तय किया है कि जब भी उन्हें कोई लावारिस लाश मिलेगी वे उनके कफ़न-दफ़न करने के लिए खुद श्मशानघाट जाएंगी। चार बहनों और अपने छोटे भाई की पत्नी के साथ मिलकर इन्होंने मानवता के लिए यह पहल की है।
President of Buniyad Betiyan Anmol Foundation, Dr. Nimmi Chaubey: We always wanted to help needy. We realised that those who don't have anyone to perform their last rites need us the most. The least we could do was to ferry the dead&pay last respects so that they rest in peace.
— ANI (@ANI) July 31, 2019
इस फ़ाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ निम्मी चौबे ने बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें बुधवार सुबह को आमानाका थाना, मंदिर हसौद और मौदहापारा से 7 लावारिश लाशों को दफ़न करने की सूचना मिली। शव का पोस्टमार्टम मरचुरी में कराया गया। अब तक 3 शवों का पोस्टमार्टम हो पाया था, इसलिए उन तीनों का कोटि स्थित शमशानघाट में विधि पूर्वक कफ़न-दफ़न कर दिया गया। उस समय उनके साथ पुलिस के जवान भी मौजूद थे।
बची हुई 4 लाशों को गुरुवार के दिन दफनाया जाएगा। इस फाउंडेशन ने गरीब परिवारों को अंतिम संस्कार में आने वाली परेशानियों में मदद करने का भी बीड़ा उठाया है। बुनियाद फाउंडेशन की उपाध्यक्ष डॉ. शोभना तिवारी हैं। इसके अलावा इसमें एकता शर्मा, प्रतिभा चौबे और धनश्री चौबे भी हैं।