क्या सत्ता पाने के लिए सोनिया गांधी ने अपने पति राजीव गांधी के हत्यारों से भी कर ली थी मित्रता?

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Rishabh Verma
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क्या सत्ता पाने के लिए सोनिया गांधी ने अपने पति राजीव गांधी के हत्यारों से भी कर ली थी मित्रता?

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जब स्व.राजीव गांधी को पीएम मोदी द्वारा भ्रष्ट बताए जाने पर कर्म के सिद्धांत की दुहाई दी, तो गांधी परिवार पर भी कर्मों के सवाल पर ऊँगली उठने लगी। गांधी परिवार पर ऐसा आरोप है कि सोनिया गांधी ने 2004 में सत्ता पाने के लिए राजीव गांधी के हत्यारों से हाथ मिला लिया था।

राष्ट्रवादी विचारक एस गुरुमूर्ति ने यह दावा किया है कि सोनिया गांधी ने श्रीलंका के आतंकी संगठन लिट्टे से संबंध विकसित किए, यह वही संगठन है जिसने राजीव गांधी की हत्या करवाई थी ऐसा सोनिया ने इसलिए किया क्योंकि वे साल 2004 के लोकसभा चुनावों में डीएमके को अपने गठबंधन में शामिल करना चाहती थीं।

एस गुरुमूर्ति ने इस बाबत ट्विटर पर एक थ्रेड जारी किया जिसमें उन्होंने साल 2008 में छपे अखबार के एक आर्टिकल का हवाला दिया। गुरुमूर्ति ने दावा करते हुए कहा है कि राजीव गांधी की विधवा सोनिया गांधी ने राजनीति सत्ता को पाने के लिए अपने पति की मौत का सौदा कर लिया। गुरुमूर्ति ने कहा कि ‘श्रीलंका के द आईलैंड अखबार में मेरे कुछ सूत्रों से मुझे जानकारी प्राप्त हुई कि सोनिया गांधी जब राजनीति में प्रवेश करने वाली थीं, तब वह लिट्टे की तरफ से किसी तरह का खतरा नहीं चाहती थीं उन्होंने कहा कि हत्यारों को मौत की सजा नहीं होनी चाहिए और उन्होंने उन्हें माफ भी कर दिया।इसके अलावा वे चाहती थी की वह उनका समर्थन करें।’

सोनिया गांधी ने 1999 में तत्कालीन राष्ट्रपति के आर नारायणन को निजी तौर पर कहा था कि न वो और न ही उनके बच्चे राहुल और प्रियंका यह चाहते हैं कि राजीव के हत्यारों को फांसी की सजा दी जाए।

गुरुमूर्ति ने बताया कि सोनिया गांधी ने राजीव गांधी के हत्यारे वी. प्रभाकरण से मुलाकात की थी, जिससे कि वह डीएमके और कांग्रेस का गठबंधन सुनिश्चित कर सकें। गुरुमूर्ति ने कहा ‘अगर आप अपने पति के हत्यारों से समझौता कर सकती हैं, तब उनके कर्मों को क्यों छिपाते हैं। उन्होंने अपने पति की मौत का राजनैतिक समझौता किया। गुरुमूर्ति ने आगे जोड़ा ‘यह कर्म ज्यादा बुरा था, यह अधिक घृणित कर्म है।’

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