ऐसा मालूम होता है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अब जनता की परेशानियों का हल ढूंढने के बजाय उलटा जनता को जबरन जेल भेजने पर आमादा हो गई है। दरअसल, राज्य की कांग्रेस सरकार ने नया फरमान जारी करते हुए कहा है कि अगर किसी भी व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर बिजली कटौती से संबंधित कोई भी पोस्ट शेयर किया, कुछ लिखा या कुछ कहा तो इसे राजद्रोह माना जाएगा और इस मामले में अब से ऐसी पोस्ट शेयर करने वाले को जेल जाना पड़ेगा।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जहां बिजली कटौती के खिलाफ सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करने पर एक व्यक्ति को राजद्रोह के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है। जी हाँ आपके इस बाबत महज मज़ाक में भी पोस्ट कर देने से आपको जेल की यात्रा करनी पड़ सकती है।
राज्य के राजनांदगांव के मुसरा डोंगरगढ़ क्षेत्र के निवासी मांगेलाल अग्रवाल को बिजली कंपनी की शिकायत पर जेल की हवा खानी पड़ रही है और उनपर राजद्रोह की धारा 124 ए के तहत केस दर्ज किया गया है। उनकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने बिजली कटौती के संबंधित एक वीडियो संदेश सोशल मीडिया पर शेयर किया था।
मांगेलाल की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सीके केशरवानी का कहना है कि 'राज्य सरकार का यह फैसला पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। इस देश में हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। ऐसे में सरकार का यह फैसला संविधान की मूल धारणा के खिलाफ है। यह देश की जनता के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है।'