रंजन गोगोई को मिली क्लीन चिट के बाद पीड़िता ने परिवार के साथ कुछ भी होने की जताई संभावना

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Nikhil Talwaniya
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रंजन गोगोई को मिली क्लीन चिट के बाद पीड़िता ने परिवार के साथ कुछ भी होने की जताई संभावना

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा हुआ था। जो की उनके एक पूर्व कर्मचारी ने लगाया था। पीड़िता ने कहा था कि जब उसने गोगोई के कहे मुताबिक यह सब करना बंद किया, तो उसे नौकरी से निकाल दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई द्वारा गठित आतंरिक कमेटी द्वारा सोमवार को उन्हें इन आरोपों से मुक्त कर दिया है। कमेटी ने कहा कि गोगोई पर लगाए गए आरोपों के कोई भी ठोस साबुत नहीं मिले है और आंतरिक जाँच प्रक्रिया होने के कारण जो रिपोर्ट दी गयी है उसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। बता दें कि दो महिला जज भी इन पैनल में सम्मिलित थीं।  

इन-हाउस कमेटी द्वारा जस्टिस गोगोई को आरोपों से मुक्त किये जाने के बाद पीड़िता का कहना है की वह ‘डरी हुई और भयाक्रांत’ है और कह रही है की उनके और उनके परिवार के साथ अब कुछ भी हो सकता है। उन्होने कहा कि इस निर्णय से वह बहुत ही उदास है। जो लोग कमज़ोर एवं शक्तिहीन है उन्हें अब इस सिस्टम पर भरोसा नहीं रहा है।  

उन्होंने अपने बयान में कहा कि सिस्टम के भीतर ही शक्तिशाली लोगों के समक्ष शक्तिहीनों को खड़ा किया जाता है। बता दें कि आंतरिक कमेटी के समक्ष शामिल होने से पीड़ित महिला ने मना कर दिया था। साथ ही कहा था कि उन्हें कमेटी से किसी भी प्रकार की न्याय की उम्मीद नहीं है। इनकार के बाद भी कमेटी की सुनवाई चली और मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई भी कमेटी में उपस्थित थे।  

इतना ही नहीं पीड़ित महिला ने सवाल भी किया कि जिन लोगों के नाम उसने अपनी शिकायत में लिए थे, जानकारी इकट्ठा करने के लिए क्या उनमें से किसी को भी बुलाया गया? साथ ही उसके चरित्र पर भी सवाल किये गए जब वह अनुपस्थित थी।

ग़ौरतलब है कि जस्टिस गोगोई ने अपने बयान में कहा कि उन्हें जानबूझ कर इसमें फँसाया जा रहा है। उनहोंने कहा कि इसके पीछे बहुत बड़ी ताकतों का हाँथ हैं जो सीजेआई के पद को ख़त्म करना चाहते हैं।

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