भारत देश का इतिहास शुरू से ही करुणा और दया से भरपूर रहा हैं। हमारे देश में मुग़ल आये और हमारे देशवासियों पर अत्याचार किया हमने उन्हें भी माफ़ किया। अंग्रेजों ने व्यापार के बहाने से हमारे देश में कदम रखा हमने उनका भी स्वागत किया। उन्होंने चालाकी से हमें ग़ुलाम बनाया हमारे ऊपर अत्याचार किये हमने उन्हें भी माफ़ किया।
भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहाँ सभी धर्म, जाती वर्ण, लिंग आदि के लोग आपसी भाईचारे के साथ रहते हैं। परन्तु जब हमारे देश में रहने वाले लोग हमारी संस्कृति और मातृभाषा के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं तो इसे सुनकर बेहद दुःख होता हैं।
ऐसे ही हैं हमारे देश के एक कांग्रेसी नेता शशि थरूर जो भारतीय संस्कृति और मातृभाषा पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने से स्वयं को रोक नही पाते हैं। बीते दिनों शशि थरूर जी कुम्भ पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसका सोशल मीडिया पर देश के युवाओं और हिंदूवादी संगठन ने पुरजोर विरोध किया था। इस घटना को अभी कुछ दिन भी नहीं हुए हैं कि कल उन्होंने फिर एक आपत्तिजनक ट्वीट किया है।
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गंगा भी स्वच्छ रखनी है और पाप भी यहीं धोने हैं। इस संगम में सब नंगे हैं!
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 29, 2019
जय गंगा मैया की! pic.twitter.com/qAmHThAJjD
कल मुंबई के इमिग्रेशन अधिकारी ने पीएचडी के छात्र को इमिग्रेशन देने से इंकार कर दिया क्योंकि उसे हिंदी बोलना नहीं आता था। इस पर छात्र ने ट्वीट करके बताया कि उसे इमिग्रेशन काउंटर नंबर 33 पर से इमिग्रेशन देने से इंकार कर दिया क्योंकि मुझे हिंदी नहीं आती हैं। मुझे अंग्रेजी और तमिल भाषा आती हैं। यह विषय इतना बड़ा नहीं था कि इसमें कोई हमारी मातृभाषा पर टिप्पणी कर सके, परन्तु शशि थरूर इस मौके को कैसे छोड़ देते। अतः उन्होंने अपने ट्विटर हेंडल के माध्यम से छात्र के ट्वीट को कोट करके कहा ”हिंदी, हिन्दू हिंदुत्व की विचारधारा हमें और हमारे देश को विभाजित कर रही हैं। हमें एकता की जरुरत है एकरूपता की नहीं।
This “Hindi, Hindu, Hindutva” ideology is dividing our country. We need unity, not uniformity. https://t.co/m6t2xE2sh7
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 31, 2019
अगर हम उपरोक्त विषय पर विचार करे तो इस पूरी घटना का जिम्मेदार इमिग्रेशन अधिकारी हैं न कि हमारी भारतीय संस्कृति और हमारी मातृभाषा। कांग्रेसी विचारधारा हमेशा से हिंदुत्व के विरोधी रही हैं। जो हमें आज भी शशि थरूर के रूप में देखने को मिलता हैं।