अभी कुछ समय से ईरान और अमेरिका के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है जिसके चलते कल रात ईरान ने अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों पर हमला करते हुए करीब 2 दर्जन से ज्यादा मिसाइलों से हमला किया। जिसमे करीब 80 लोगों की मौत होने की खबर है। ईरान ने इरबिल और अल असद इलाके में स्थित एयरबेस को निशाना बनाया था। यहाँ पर अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बल ठहरे हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस हमले में 80 लोगों की मौत होने की संभावना है परन्तु इराकी सेना ने इस हमले में किसी की भी मौत नहीं हुई है ऐसा बयान दिया है।
#WATCH: Iran launched over a dozen ballistic missiles at 5:30 p.m. (EST) on January 7 and targeted at least two Iraqi military bases hosting US military and coalition personnel at Al-Assad and Irbil, in Iraq. pic.twitter.com/xQkf9lG6AP
— ANI (@ANI) January 8, 2020
इस घटना की जानकारी मिलने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ बैठक की जिसमे विदेश मंत्री माइक पोंपियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर भी शामिल हुए। राष्ट्रपति ट्रंप ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हदम अल थानी से ऊपरोक्त विषय पर चर्चा की तो दूसरी ओर जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को भी फोन करके पश्चिम एशिया और लीबिया में सुरक्षा हालातों पर चर्चा की है।
All is well! Missiles launched from Iran at two military bases located in Iraq. Assessment of casualties & damages taking place now. So far, so good! We have the most powerful and well equipped military anywhere in the world, by far! I will be making a statement tomorrow morning.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 8, 2020
इस विषय पर राष्ट्रपति ट्रंप ने भी दुःख जताते हुए कहा "सब ठीक है... ईरान ने इराक में दो सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए हैं। हमले में हताहतों की संख्या का आकलन किया जा रहा है। हमारे पास दुनिया की सबसे ताक़तवर सेना है। मैं कल सुबह बयान दूँगा।"
दूसरी ओर ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने भी अपना बयान दिया और कहा "हम युद्ध या टकराव नहीं चाहते हैं लेकिन किसी भी हमले का बचाव ज़रूर करेंगे। हम आत्मरक्षा के अंतरराष्ट्रीय कानूनों पर अमल करेंगे।" ईरान के राष्ट्रपति के एक सहायक ने भी बयान दिया और कहा "इराक में अमेरिकी ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों के बाद हुई किसी भी अमेरिकी जवाबी कार्रवाई से मध्य पूर्व में युद्ध छिड़ सकता है।"
ईरान के रिवॉलूशनरी गार्ड कमांडर ने कहा कि "इराक में अमेरिका के एयरबेस पर ईरानी मिसाइलों का हमला पहला कदम है। हम अमेरिका के सभी साथियों को चेतावनी देते हैं कि वे एक आतंकी सेना को अपने बेस इस्तेमाल न करने दें। यदि क्षेत्र का कोई मुल्क अपनी धरती को ईरान के खिलाफ हमले में इस्तेमाल होने देता है तो उसको भी निशाना बनाया जाएगा।"