ऐसे कई मंदिर हैं जहाँ अलग अलग वजहों से महिलाओं का प्रवेश है निषेध, जानें इन मंदिरों के बारे में

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Nikhil Talwaniya
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ऐसे कई मंदिर हैं जहाँ अलग अलग वजहों से महिलाओं का प्रवेश है निषेध, जानें इन मंदिरों के बारे में

भारत में देवी देवताओं के कई मंदिर हैं। इनमें कुछ ऐसे मंदिर भी हैं जहां पुरुष और स्त्रियों के प्रवेश के लिए अलग अलग कथाएं हैं। जैसे कई मंदिरों में पुरुषों को प्रवेश नहीं मिलता तो वहीं कई ऐसे मंदिर हैं जहाँ महिलाओं की प्रवेश नहीं मिलता है। आइये आज ऐसे ही कुछ मंदिरों के बारे में जानते हैं जहाँ महिलाओं के प्रवेश की मनाही है।

पद्मनाभ स्वामी मंदिर:

केरल में स्थित पद्मनाभ स्वामी मंदिर काफी जाना माना मंदिर है। यह अपने खज़ाने के लिए जाना जाता है। यहाँ महिलाएं पूजा पाठ तो कर सकती है लेकिन उसमें स्थित खजाना घर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक है।

शनि सिगनापुर मंदिर:

महाराष्ट्र के जाने माने मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। कहा जाता है कि महिलाओं के निकट जाने से शनिदेव खतरनाक तरंग छोड़ने लगते हैं। इस मंदिर में करीब 500 सालों से महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।

कार्तिकेय मंदिर:

हरियाणा के पिहोवा में कार्तिकेय मंदिर मौजूद है, यहाँ भी महिलाओं के प्रवेश को लेकर पाबंदी है।  इसके पीछे मुख्य कारण कार्तिकेय का ब्रह्मचारी होना भी बताया जाता है।

घटई देवी मंदिर:

यह मंदिर महाराष्ट्र के सतारा में स्थित है। इस मंदिर में भी महिलाओं का प्रवेश निषेध है। मंदिर से बोर्ड ग़ायब है लेकिन इजाज़त अभी भी नहीं है। यहां महिलाएं बाहर से पूजा करके चली जाती हैं।

मवली माता मंदिर:

छत्तीसगढ़ में स्थित मवली माता के मंदिर में भी महिलाओं के प्रवेश पर रोक है। मान्यतानुसार मवली माता कुंवारी हैं जिसकी वजह से महिलाएं उनकी पूजा नहीं कर सकती।

अयप्पा मंदिर, सबरीमाला:

सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर में 10 से 50 साल तक के उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है। इसके पीछे तर्क यह दिया जाता है कि इस आयु समूह की लड़कियों और महिलाओं को माहवारी होती है, इस वजह से वह अपवित्र होती हैं।

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