लद्दाख के युवा सांसद कभी लिखते थे अनपढ़ों के लिए खत, आज हर कोई कर रहा है उनकी तारीफ

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Punctured Satire
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लद्दाख के युवा सांसद कभी लिखते थे अनपढ़ों के लिए खत, आज हर कोई कर रहा है उनकी तारीफ

4 अगस्त 1985 को लेह के एक छोटे से कस्बे माथो में जन्मे जामयांग सेरिंग नामग्याल बहुत ही सामान्य परिवार से रिश्ता रखते है। उनके माता पिता बेहद ही गरीब थे और बड़ी मेहनत से उन्होंने जामयांग सेरिंग नामग्याल को पढ़ाया है। जामयांग सेरिंग नामग्याल के पिता स्टैनजिन दोर्जी मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में कारपेंटर के पद कार्यरत थे तो माँ ईशे पुतित पूरे घर को संभालती थी।

जामयांग सेरिंग नामग्याल ने अपनी प्रारंभिक पढाई वही के स्कूल से की थी और बाद में जम्मू विश्वविद्यालय से BA की पढ़ाई पूरी की थी। जामयांग सेरिंग नामग्याल ने जम्मू विश्वविद्यालय से अपने राजनीति का प्रारम्भ किया था। फिर उन्होंने लेह के भाजपा कार्यालय के केयरटेकर के रूप में पार्टी का कार्य करना प्रारम्भ किया।

वे अपने कार्यालय पर उन लोगों के लिए खत लिखा करते थे जो पढ़-लिख नही पाते थे जो पढ़ने में असमर्थ थे। 2014 के आम चुनावों जामयांग सेरिंग नामग्याल ने भाजपा उम्मीदवार थूपस्तान चवांग के लिए कार्य किया और वे इस सीट पर भाजपा को 36 वोटों से चुनाव जीताने में सफल हुए।

वर्ष 2019 के आम चुनाव में भाजपा ने अपने उम्मीदवार में फेर बदल करते हुए जामयांग सेरिंग नामग्याल को लद्दाख की लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार घोषित किया था। जनता के प्रति अपनी निष्ठा के कारण उन्होंने यहाँ से रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की थी।

अभी उन्होंने आर्टिकल 370 की समाप्ति पर संसद में एक बेहतरीन भाषण दिया था जिसे पूरे देश ने सराहा और अब उनकी फैन फॉलोइंग भी बढ़ गई है जिसके लिए उन्होने अपने फैन से अपना फेसबुक पेज लिखे करके उनसे जुड़ने का अनुरोध किया है।

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