अमेरिका ने भारत पर जताया भरोसा, भारतीय रुपये को मुद्रा निगरानी सूची से किया बाहर

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Nikhil Talwaniya
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अमेरिका ने भारत पर जताया भरोसा, भारतीय रुपये को मुद्रा निगरानी सूची से किया बाहर

अमेरिका ने भारत के आर्थिक सुधारों पर विश्वास दिखाते हुए भारतीय मुद्रा रूपये को निगरानी सूची से बाहर करने का फैसला किया है। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी पार्लियामेंट 'कांग्रेस' को पेश की गई अपने रिपोर्ट में ज़िक्र किया है कि भारत की विश्वसनीय नीतियों के चलते उसे निगरानी सूची से हटाने का निर्णय लिया है। रिपोर्ट के अनुसार अब भारतीय मुद्रा विनियम में स्थिरता आ गई है।

अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका को अब भारत के साथ व्यापार में कोई जोखिम नही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि तय तीन मापदंडों में से भारत ने केवल द्विपक्षीय अधिशेष में ही बुरा प्रदर्शन किया है। इस रिपोर्ट में स्विज़रलैंड को भी मुद्रा निगरानी से राहत देने की बात कही गयी है। रिपोर्ट के अनुसार दोनों देश मुद्रा बाज़ार में एकतरफ़ा दखल के लिए किसी भी तरह से ज़िम्मेदार नही पाए गए।

अमेरिका अपनी नीति के अनुसार किसी देश की विदेशी विनिमय की दर पर संदेह होने पर उसे निगरानी सूची में डाल देता है। अभी उसकी लिस्ट में जापान, चीन, जर्मनी, इटली, सिंगापुर, मलेशिया, आयरलैंड और दक्षिण कोरिया की मुद्राएं शामिल हैं।

अमेरिका के द्वारा मई 2018 में भारतीय मुद्रा को निगरानी सूची में डाल दिया गया था। इस समय आई खबरों के अनुसार भारत ने मुद्रा निगरानी सूची में शामिल करने वाले 2 मानदडों को पूरा कर लिया था। उस समय भारत के पास विदेशी मुद्रा भंडार जीडीपी का 2% तक था। बाद में रिज़र्व बैंक के द्वारा की गई शुद्ध बिक्री से ये घटकर जीडीपी का सिर्फ 0.2 प्रतिशत रह गया।

ग़ौरतलब है कि अमेरिका ने चीन को इस लिस्ट से बाहर नही किया है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीव नुचिन ने बताया कि चीन की मुद्रा डॉलर के मुकाबले 8% तक गिर गई थी जिसके मद्देनज़र चीन ने ज़रूरी कदम उठाये थे।

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