पानी की कमी के कारण देश के कई क्षेत्रों में सूखा पड़ा हुआ है इतना ही नहीं यह समस्या देश के बाहर भी है। सूखे के कारण आमतौर पर नुकसान हो होता है परन्तु इससे कुछ फायदा भी हो सकता है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। बता दें कि सूखे के कारण इराक के कुर्दिस्तान इलाके में रिजर्वायर में पानी का स्तर कम हुआ है जिसके कारण 3400 साल पुराने महल के अवशेष मिले है।
इस महल के बारे में बताया जा रहा है कि यह महल मित्तानी साम्राज्य के समय का है। इस खोज का कारण टिगरिस (दजला) नदी के तट पर मोसुल बांध में पानी कम होना है जिसकी वजह से यह संभव हुआ है।
इस महल की खोज कुर्दिस-जर्मन शोधकर्ताओं की टीम ने की है। उन्होंने बताया की इस खोज के दौरान मित्तानी साम्राज्य के बारे में कई जानकारी मिली है। यूनिवर्सिटी ऑफ ट्युबिंगन इंस्टीट्यूट फॉर एन्शिएंट ईस्टर्न स्टडीज की पुरातत्वविज्ञानी इवाना पुलित्स ने बताया कि मिट्टी की 2 मीटर (6.6 फीट) मोटी दीवारों के साथ इस इमारत को सावधानीपूर्वक बनाया गया है। इसमें कुछ दीवारें २ मीटर से भी अधिक मोटी हैं। इतना ही नहीं विभिन्न कमरों में प्लास्टर की दीवारें भी हैं। आगे उन्होंने बताया कि इस खोज में खुदाई के समय लाल और नीले रंग की पेंटिंग भी प्राप्त हुई है जो कि प्राचीन काल में महलों की विशेषता हुआ करते थे। बताया गया है कि महल से मिट्टी के दस क्युनिफॉर्म टैबलेट भी प्राप्त हुए हैं । क्युनिफॉर्म लिखने की एक प्राचीन शैली है जिसे जर्मनी में अनुवाद हेतु भेज दिया गया है।
मित्तानी सम्राज्य के विषय में बहुत कम ही शोध हुए हैं। जिसमे अभी तक इसकी राजधानी के बारे में भी पता नहीं चल सका है। पहली बार 2010 में पुरातत्वविदों को इस साइट के विषय में जानकारी मिली थी और उस समय भी रिजर्वायर में पानी का लेवल कम था।
कुर्दिश पुरातत्वविज्ञानी हसन अहमद कासिम ने कहा कि यह खोज हाल के दशकों में हुई सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोज है। जो की भव्य वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण साबित हुआ है।