न्यूज़ वेबसाइट ‘द प्रिंट’ ने फैलाई पोलियो वैक्सीन के किल्लत की फेक न्यूज़

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Nikhil Talwaniya
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न्यूज़ वेबसाइट ‘द प्रिंट’ ने फैलाई पोलियो वैक्सीन के किल्लत की फेक न्यूज़

हमारी आने वाली पीढ़ियों के बेहतर भविष्य के लिए बच्चों को वैक्सीन दिए जाने की जरुरत रहती है और एक बड़ी बच्चों की आबादी को वैक्सीन दिए भी जाते हैं। पर 24 जनवरी को शेखर गुप्ता की न्यूज़ वेबसाइट ‘द प्रिंट’ पर भारत में वैक्सीन को ले कर एक खबर छपी जिसमे बताया गया की भारत में टीकाकरण के लिए पोलियो की वैक्सीन खत्म हो गई है। इस रिपोर्ट में यहाँ दावा किया गया है की पोलियो की वैक्सीन की किल्लत के पीछे मोदी सरकार का एक निर्णय है जिसमे पोलियो वैक्सीन को बंद कर दिया है। द प्रिंट के अनुसार दोनों प्रकार के टीकों, ओपीवी (OPV)और आईपीवी (IPV) की कमी चल रही है।

द प्रिंट की यह रिपोर्ट राज्यों के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा लिखे गए एक पत्र पर आधारित है ऐसा वेबसाइट का दावा है । प्रिंट की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि  इस पत्र में कहा गया है, "अनिवार्य परिस्थितियों के कारण, कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।”

बहरहाल इस खबर पर विपक्षी दल कांग्रेस के नेता अहमद पटेल ने ट्वीट किया कि यह भारत के टीकाकरण कार्यक्रम के लिए एक बड़ा झटका है, और पर्याप्त धन आवंटित करने में सरकार की विफलता इसके पीछे का कारण है। साथ ही गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी ने पोलियो वैक्सीन बजट में कथित कमी के साथ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और कुंभ मेले की लागतों की तुलना भी की है।

इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 24 जनवरी की शाम को एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें कहा गया कि भारत में पोलियो वैक्सीन की कमी की रिपोर्ट गलत हैं। सरकार ने स्पष्ट किया कि देश में ओपीवी और आईपीवी वैक्सीन की कोई कमी नहीं है।

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि “ओरल पोलियो वैक्सीन (बीओपीवी) की आवश्यक मात्रा को पहले ही सुरक्षित कर लिया गया है और सरकार ने एनआईडी को अनिश्चित काल के लिए स्थगित नहीं किया है, यह मीडिया में गलत रिपोर्ट किया गया है।"

मंत्रालय ने यह भी कहा कि इसकी खरीद के लिए न तो आईपीवी(IPV) की कोई कमी है और न ही धन की कमी है, जैसा कि द प्रिंट ने दावा किया है। बयान में कहा गया है कि भारत ने पहले ही पोलियो को समाप्त कर दिया है, और आईपीवी को ग्लोबल दिशानिर्देशों के अनुसार पोलियो मुक्त स्थिति बनाए रखने के लिए पेश किया गया था, क्योंकि दुनिया के कुछ देशों से पोलियो को समाप्त नहीं किया गया है।

अतः द प्रिंट द्वारा प्रकाशित यह रिपोर्ट एक फेक खबर थी, क्योंकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि देश में पोलियो वैक्सीन की कोई कमी नहीं है, और टीकाकरण कार्यक्रम को अनिश्चित काल के लिए स्थगित नहीं किया गया है। मंत्रालय द्वारा स्पष्टीकरण दिए जाने के बाद द प्रिंट ने अपने लेख को अपडेट किया है, लेकिन रिपोर्ट में जो नकली दावे किए गए हैं, वे अभी भी यथावत हैं।

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