हो जाएँ सतर्क: भारतीय युवकों को हनी ट्रैप के ज़रिये लूट रही हैं ये विदेशी महिलाएं

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Nikhil Talwaniya
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हो जाएँ सतर्क: भारतीय युवकों को हनी ट्रैप के ज़रिये लूट रही हैं ये विदेशी महिलाएं

साइबर अपराध का चेहरा दिन-ब-दिन बदलता रहता है। ऐसे में यदि आप सतर्क न हों तो मुसीबत में फंस सकते हैं या ठगी का शिकार हो सकते हैं। फेसबुक पर इन दिनों विदेशी युवतियों के द्वारा भारतीयों को शिकार बनाया जा रहा है। फेसबुक पर इन महिलाओं का एक ऐसा ग्रुप है जो इस अपराध को बड़ी ही चालाकी से अंजाम देता है। महिलाएं भारत में घूमने और यहाँ आकर मिलने का वादा करती हैं। वे खुद की फोटो और फ्लाइट टिकट के ज़रिये खुद की पहचान बताती हैं।‌‌

ये विदेशी महिलाएं पहले कहती हैं कि वे दिल्ली या मुंबई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुँच गई हैं। इसके बाद ये किसी भारतीय नंबर से अपने शिकार को कॉल करवाती हैं। ये व्यक्ति शिकार को बताती हैं कि वह इमिग्रेशन अफसर है। वह कहता है कि आपकी फ्रेंड यहाँ पर है जिसे यहाँ से निकलने के लिए येलो कॉर्ड चाहिए वरना वह एयरपोर्ट से बाहर नही निकल पाएगी। शिकार को ‘येलो कार्ड’ बनवाने के लिए 30 से 1.50 लाख रूपये तक फीस बताई जाती है। अब महिला बहाना बनाती है कि इसका ‘मास्टर कॉर्ड’ इंडिया में आने के 48 घंटे बाद एक्टिव होगा इसलिए वह अपने शिकार से यह पेमेंट करने के लिए कहती है।  ‌‌

युवक इस पूरी कहानी को सच मानने लगता है और खुशी-खुशी पैसे ट्रांसफर कर देता है। इस दौरान महिला कार्ड के एक्टिवेट होने पर पैसा लौटाने का भी वादा करती है और कहती है कि वह शॉपिंग करके आई है। लेकिन जैसे ही वह अपना पैसा ट्रांसफर करता है महिला उसे ब्लॉक कर देती है। इस तरह से भारत में कई लोग हनी ट्रैप का शिकार हो जाते हैं। ‌‌

हनी ट्रैप में लोगों को फांसने वाली महिलाएं आमतौर पर खुद को लंदन, अमेरिका, दुबई, न्यूजीलैंड या ऑस्ट्रेलिया की नागरिक बताती हैं। ये खुद को इंजीनियर, डॉक्टर, फार्मासिस्ट, कंपनी में अधिकारी या बिज़नेस वुमन बताती हैं। इनका फेसबुक पर फेक अकाउंट होता है। ‌‌

भारतीय युवकों को अपने झांसे में लेने के लिए पहले ये उन्हें फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती हैं। जैसे ही कोई युवक इनकी फ्रेंड रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट करता है वह उनसे नज़दीकियां बढ़ाने की कोशिश करने लगती हैं। धीरे-धीरे वह व्हाट्सप्प नंबर भी दे देती है। उसके बाद अपनी फोटो भी शेयर करती हैं और अपनी बातों से अपने शिकारी को प्यार के जाल में फांसने की कोशिश करती है। भारतीय युवक बड़ी ही आसानी से उसकी बातों में आ जाता है और ठगी का  शिकार बन जाता है। ‌‌

चंडीगढ़ पुलिस के साइबर सेल ने जनवरी 2018 से मार्च 2019 के बीच इस तरह के 270 मामले दर्ज किये हैं। साइबर सेल की डीएसपी रश्मि यादव ने कहा है कि लोग बिना एक दूसरे को व्यक्तिगत रूप से जाने अपनी जानकारी इंटरनेट पर शेयर कर देते हैं जो गलत है। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के मद्देनज़र उन्हें सतर्क हो जाना चाहिए।

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