कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से ही केंद्र सरकार का रवैया देश विरोधी ताकत और हमले के जिम्मेदार लोगो के प्रति बेहद ही सख्त हो गया है। केंद्र सरकार ने पुलवामा हमले के तुरंत बाद 4 हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटाने का निर्णय किया। कल रात इस निर्णय को लागू करते हुए कार्यवाही की गई जिसमें केंद्र सरकार ने 18 हुर्रियत नेताओं के साथ साथ 160 से भी ज्यादा कश्मीरी नेताओं व कार्यकर्ताओं की सुरक्षा को वापस ले लिया है। इस कार्यवाही में एसएएस गिलानी, अगा सैयद मौसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक और सलीम गिलानी के साथ साथ पूर्व आईएएस शाह फसल भी शामिल हैं।
Among the leaders whose security has been downgraded & withdrawn by J&K govt are Farooq Ahmed Kichloo, Masroor Abbas Ansari, Aga Syed Abul Hussain, Abdul Gani Shah and Mohd Musadiq Bhat.
— ANI (@ANI) February 20, 2019
केंद्र सरकार द्वारा की गई इस कार्यवाही से अलगावादियों व अन्य कश्मीरी नेताओं की सुरक्षा में 100 से भी अधिक गाड़ियाँ व 1000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहते थे। इन सब अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा में सरकार के करोड़ों रूपए खर्च होते थे जिसकी अब इस पूरी रकम की बचत होगी।
हुर्रियत नेताओं ने केंद्र सरकार द्वारा वापस ली गयी सुरक्षा पर टिप्पणी करते हुए कहा की हमने कभी भी सुरक्षा की मांग नहीं की थी।
Govt has also decided to withdraw security of Shah Faesal, who resigned from the IAS and Wahid Parray based on their threat assessment.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) February 20, 2019
Through this entire move, over 1000 J&K police personnel and over 100 vehicles are freed to do regular police work. This was long overdue!
जम्मू के गृह विभाग में हुई बैठक की अध्यक्षता राज्यपाल के सलाहकार विजय कुमार ने की थी। इस उच्च स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव, जिला प्रशासन और गृह विभाग के कई आला अधिकारी उपस्थित रहे।
हुर्रियत नेताओं ने कहा है कि ‘सुरक्षा वापस लेने से ज़मीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं आएगा। साथ ही उन्होंने अपने रुख में बदलाव करने से भी साफ़ इनकार कर दिया। हुर्रियत ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने कई बार स्वयं ही सुरक्षा वापस करने की पेशकश की थी। हुर्रियत ने कहा कि सरकार द्वारा सुरक्षा इसीलिए दी गई थी ताकि हुर्रियत नेताओं की गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके।’
बैठक में सरकार की तरफ से यह साफ़ और सख्त शब्दों में कहा गया है कि अब भविष्य में किसी भी हुर्रियत नेता को सुरक्षा एवं इन्हे मिल रही सुविधाओं पर भी रोक लगा दी गई है। अलगावादियों की सुरक्षा हटाने के संकेत पुलवामा हमले के बाद कश्मीर दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दे दिए थे। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान और आईएसआई के पैसों से पोषित कुछ लोगों की दी गई सुरक्षा छीन ली जाएगी।