भारत की बढ़ती जनसंख्या जल्द ही विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या बनने वाली है। बढ़ती जनसंख्या के कारण बहुत सारी परेशानियों का सामना देश को करना पड़ता है। यही वो मुख्य कारण है जिसकी वजह से रोज़गार की कमी हो रही है और बेरोज़गारी बढ़ रही है। बेरोज़गारी का आलम आज देश में इतना बढ़ गया है की कई उच्च शिक्षा को प्राप्त छात्र भी सफाई कर्मचारियों के जॉब्स के लिए आवेदन देने लगे हैं।
बता दें की तमिलनाडु विधानसभा सचिवालय में स्वीपर का काम और सैनिटरी कर्मचारियों के पद की दौड़ में एम.टेक, बी.टेक, एमबीए, पोस्ट ग्रैजुएट और ग्रैजुएट के साथ ही कई पेशेवर योग्यता वाले लोग भी शामिल हैं। दरअसल तमिलनाडु विधानसभा सचिवालय में 10 स्वीपर और 4 सफ़ाई कर्मचारी की भर्ती निकली है।
पिछले साल सितम्बर महीने के 26 तारिख को निकली इन भर्तियों के लिए अब तक कुल 4607 आवेदन आये हैं जिनमे एम.टेक, बी.टेक, एमबीए, पोस्ट ग्रैजुएट और ग्रैजुएट किये हुए प्रोफेशनल छात्रों ने भी अपना आवेदन भेजा है।
इस पोस्ट की भर्ती के लिए मांगी गई एक मात्र योग्यता इच्छुक अभ्यर्थी का स्वस्थ्य एवं हृष्ट पुष्ट होना है। इस पोस्ट के लिए मांगी गई आवेदन के आवेदकों की उम्र सीमा की बात करें तो इनकी शुरूआती सीमा जहाँ 18 साल है तो वहीं इसकी ऊपरी सीमा निर्धारित नहीं है।
ये पहली बार नहीं है जब ऐसे पदों के लिए भी ओवर क्वालिफाइड लोगों के हजारों आवेदन आये हों। इससे पहले भी इस तरह की भर्तियों के लिए हजारों आवेदन आ चुके हैं। इसके पीछे का एक मुख्य कारण ज्यादातर राज्यों में छात्रों को सरकारी नौकरियों की तरफ उन्मुख होना माना जा सकता है। इससे निजात पाने के लिए निजी क्षेत्रों को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण हो सकता है। इससे लोग निजी क्षेत्र की नौकरियों की तरफ भी उन्मुख होंगे।