किसी देश को विश्व में मजबूत बनाने के लिए एक बेहद ज़रूरी कार्य होता हैं उस देश में व्यापक विदेशी निवेश होना। इसके माध्यम से देश में नई नई तकनीकों का विस्तार होता हैं। रोजगार को बढ़ावा देने, और देश को आर्थिक दृष्टि से बेहतर बनाने के लिए विदेशी निवेश बेहद ज़रूरी है।
क्या होता प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI)?
जब किसी देश की कंपनी दूसरे देश की कंपनी में निवेश करके उस कंपनी में अपनी कम से कम 10% की भागीदारी सुनिश्चित करती हैं और अपना पैसा उस कंपनी में लगाती हैं तो उसे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कहा जाता हैं।
विदेशी निवेश के मुद्दे पर हमारी सरकार का रुख बेहद ही गंभीर हैं और इस वित्तीय वर्ष में हमारी सरकार ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की हैं। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमे भारत में विदेशी निवेश पिछले साल के मुकाबले 18% बढ़ा हैं। अब यह राशि बढ़कर करीब 28 लाख करोड़ हो चुकी हैं।
रिज़र्व बैंक के मुताबिक 2017-18 के वित्तीय वर्ष में विदेशी निवेश की राशि जो 4,33,300 करोड़ रूपये थी वो बढ़कर 28,24,600 करोड़ रूपये हो चुकी हैं।
रिज़र्व बैंक के अनुसार लगभग 23 हजार कंपनियों से अपने निवेश के बारे में पूछा गया था जिसमे करीब 20 हजार कंपनियों ने अपनी FDI और ODI में अपना निवेश दर्शाया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा निवेश मॉरीशस से हुआ उसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापूर और जापान का निवेश रहा। दूसरी तरफ भारत का विदेशों में निवेश 17.5% बढ़ा और भारत ने सबसे ज्यादा सिंगापुर में निवेश किया है।