ट्रैफिक पुलिस विभाग में ईमानदारी से नौकरी करने वाली एक महिला सूबेदार का ट्रांसफर मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के भतीजे अभय वर्मा ने करवा दिया गया है। बीते दिनों पार्षद अभय वर्मा गाड़ी चालते वक्त फ़ोन पर बात कर रहे थे जिसे देख कर ट्रैफिक पुलिस की महिला सूबेदार सोनू वाजपेयी ने उन्हें रोका और उनके विरुद्ध चालानी कार्यवाही की थी। चालानी कार्यवाही के बाद पार्षद अभय वर्मा ने उन्हें ट्रांसफर करवाने की धमकी दी थी।
इसमें महिला सूबेदार के साथ दो अन्य सूबेदारों के नाम भी है। 27 जुलाई को एडीजे नकवी ने आदेश जारी करते हुए महिला सूबेदार सोनू वाजपेयी को छत्तरपुर पंहुचा दिया है। अभी ट्रैफिक एएसपी रणजीत सिंह देवके ने जानकारी दी है कि तबादले का आदेश उन्हें अभी तक नहीं मिला है।
ग़ौरतलब है कि सोनू ने 2016 में नौकरी ज्वाइन की थी और उनकी पहली पोस्टिंग नीमच में हुई थी। उसके बाद सोनू का तबादला 2018 में इंदौर हुआ था। अब नियमों की माने तो तबादला 3 साल में होता है और अभी सोनू की पोस्टिंग हुए 1 साल भी पूर्ण नहीं हुआ है।
तबादले का आदेश मिलने के बाद सोनू भी परेशान है और इस मुद्दे पर उन्होंने कहा "सत्य पराजित हो सकता है पर परेशान नहीं, अभी मुझे तबादले का आदेश नहीं मिला है और इस तबादले के पीछे का कारण भी मुझे समझ नहीं आ रहा है। इसके पीछे का कारण पार्षद अभय वर्मा से हुआ विवाद भी हो सकता है। आदेश मिलने के बाद आगे का कदम तय करुँगी।"
इस पूरे मुद्दे पर अभय वर्मा ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा "उस महिला सूबेदार का तबादला मैंने नहीं करवाया है। मैं महिला शक्ति का सम्मान करता हूँ और मैं पूरी कोशिश करूँगा कि उनका तबादला रुके। अगर मैंने उन्हें ट्रांसफर करवाने की धमकी दी हो तो मैं राजनीति से इस्तीफ़ा देने को तैयार हूँ।