हमारे देश में कई प्रकार के ऐसे जीव है जो आज विलुप्त होने की कगार पर है और हमारी सरकार एवं कई NGO’s मिलकर इन जीवों के संरक्षण के लिए कार्य कर रहे हैं। जो भी व्यक्ति इन जीवों के अंग या अन्य पदार्थ तस्करी करता है तो भारतीय दंड संहिता के तहत उन लोगों के लिए दंड भी निर्धारित किया हुआ है। खासतौर पर जानवरों के अंगों की तस्करी करना गैर कानूनी है। कई लोग शेर के नाख़ून, हाथी दाँत, हिरण की खाल, शेर की खाल, व्हेल मछली की उल्टी जैसे पदार्थों की तस्करी करते है जो कि एक दंडनीय अपराध है।
हाल ही में मुंबई पुलिस और वन विभाग की एक टीम ने मुंबई की उपनगर, विद्याविहार स्थित कामा लेन से राहुल दुपारे नामक एक शख्श को गिरफ्तार किया है। इस शख्श के पास से पुलिस ने स्पर्म व्हेल का एम्बरग्रीस जप्त किया है। इस एम्बरग्रीस का वजन 1.3 किलो ग्राम है और इसकी कीमत बाजार में लगभग 1.7 करोड़ के आसपास आंकी जा रही है। राहुल को पुलिस ने हिरासत में लेकर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस के अनुसार स्पर्म व्हेल, व्हेल मछली की विलुप्त होती हुई एक प्रजाति है। इन स्पर्म व्हेल मछली को संरक्षित करके भी रखा हुआ है। वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत इन मछलियों के अंगों या अन्य पदार्थ की तस्करी करना गैर कानूनी है। साथ ही इस मछली को अगर कोई किसी भी प्रकार की हानि पहुँचता है तो उस पर दंडात्मक कार्यवाही की जा सकती है।
एम्बरग्रीस को व्हेल मछली की उल्टी भी कहा जाता है। यह मोम जैसा एक सुगन्धित पदार्थ होता है। व्हेल मछली की आँतों में एम्बरग्रीस पाया जाता है। इसे निकलना या बेचना दोनों ही प्रतिबंधित है। एम्बरग्रीस का उपयोग अलकोहल, क्लोरोफार्म, इत्र, और सुगन्धित तेल बनाने में किया जाता है।