जम्मू कश्मीर के ददसारा (त्राल) में सेना की एक बड़ी कार्रवाई हुई जिसमे मोस्ट वांटेड हिजबुल और अलक़ायदा आतंकी जाकिर मूसा के मारे जाने की खबर सामने आई है। मूसा को पुलवामा के उसी इलाके में मार गिराया गया है, जहां साल 2016 में सेना ने हिजबुल कमांडर बुरहान वानी को ढेर किया था। सेना के अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर घाटी में सेना को गुरुवार दोपहर पुलवामा के त्राल में जाकिर मूसा के मौजूद होने की जानकारी मिली थी। जानकारी मिलने के साथ ही सुरक्षा बलों ने दक्षिणी कश्मीर में घेराबंदी करके मूसा को तलाशने का अभियान शुरू कर दिया था।
इस आतंकवादी पर 15 लाख रुपये का इनाम था। आतंकी जहां छिपे थे सुरक्षा बलों ने वहां पहुँचकर आतंकी सरगना को सरेंडर करने को कहा, लेकिन उसने समर्पण के बजाय यूबीजीएल दागा और भागने की कोशिश की। इसके बाद सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए इलाके में सख्त घेराबंदी की और फिर भारी गोलीबारी करते हुए मूसा को उसी मकान में मार गिराया, जहां उसने पनाह ली थी। जाकिर मूसा को कश्मीर घाटी में आतंक का पोस्टर बॉय कहा जाता था और एजेंसियों के अधिकारी काफी समय से उसकी तलाश कर रहे थे।
मूसा हिजबुल का पूर्व कमांडर और अलक़ायदा समूह का मोस्ट वांटेड आतंकी था। मूसा की उम्र महज 25 साल थी और वह इंजीनियरिंग ड्रॉपआउट था। आतंकी मूसा अलक़ायदा से जुड़ा समूह चलाता था जिसका नाम अंसार गजावत उल हिंद है। वो इस्लाम से जुड़े प्रोपेगेंडा चलाने के लिए भी जाना जाता था। मूसा के मारे जाने की खबर फैलते ही पूरे इलाके में तनाव फैल गया।
हालात को देखते हुए प्रशासन ने त्राल और उसके साथ सटे इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर अलर्ट जारी कर दिया है। हिंसा की आशंका में शुक्रवार को घाटी के सभी स्कूल कॉलेज को बंद रखने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही मोबाइल इंटरनेट सेवा भी बंद रखे जाने का फैसला लिया गया है।