बिहार में लगभग दो दशकों से गर्मियों के मौसम में अज्ञात बीमारी से बच्चों के मरने का सिलसिला इस वर्ष भी जारी है। इस बीमारी का नाम अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार है। बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में चमकी बुखार से इस साल अब तक 20 जिलों में 152 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस बीमारी के फैलने की असली वजह अब तक पता नहीं चली है। बुधवार को राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में चमकी बुखार से हुई मौत पर दुःख जताया।
चमकी बुखार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कहा की ''पिछले दिनों बिहार के चमकी बुखार की चर्चा हुई है। यह आज़ादी के सात दशकों में सरकारों की सबसे बड़ी विफलताओं मे से एक है। आधुनिक युग में ऐसी स्थिति हम सभी के लिए दुःखद और शर्मिंदगी की बात है। इस दुःखद स्थिति में हम राज्य के साथ मिलकर मदद पहुंचा रहे हैं। ऐसी संकट की घड़ी में हमें मिलकर लोगों को बचाना होगा। मैंने तुरंत अपने हेल्थ मिनिस्टर को वहां दौड़ाया।''
मोदी जी ने आगे कहा की ‘हमे देश के हर गरीब तक सस्ता और बेहतर इलाज पहुंचाने की जरूरत है। ऐसा ज़रुरी है की हम आयुष्मान भारत को मजबूत करे ताकि गरीब लोगो तक इलाज पहुँच सके । मुझे विश्वास है कि यह दुखद स्थिति है, मैं राज्य सरकार के संपर्क में हूँ। मिलकर के जितना जल्दी हो सके हम सबको संकट से बाहर निकाल सकें।'
आपको बता दें की बिहार में एक महीने में चमकी बुखार के फैलने से अब तक 152 बच्चों की मौत हो चुकी है। मुज़फ़्फ़रपुर मेडिकल कॉलेज में 111 बच्चों की मौत हुई है, जबकि केजरीवाल हॉस्पिटल में 21 बच्चे मरे हैं।