पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद इंडियन आर्मी के जवानों की सुरक्षा को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्रालय में गुरूवार के दिन एक अहम मीटिंग हुई। इस मीटिंग में पुलवामा हमले की सबसे बड़ी वजह और गलती पर चर्चा की गई और आखिरकार जवानों की सुरक्षा को लेकर बेहतर निर्णय सामने ले कर आयी। केंद्र सरकार ने इस मीटिंग में फैसला लिया है की अब से जम्मू कश्मीर के सुरक्षा में लगे जवान कही भी जाने के लिए सड़क मार्ग से सफर तय नहीं करेंगे, इसके बजाए सभी जवानों को हवाई यात्रा का सफर करना पड़ेगा।
मीटिंग के दौरान राजनाथ ने कहा की अब से सुरक्षाबल का हर एक जवान कही भी आने जाने के लिए हवाई यात्रा का सफर कर सकता है। ये आदेश असम रायफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और एनएसजी समेत सभी जवानों पर लागू होगा। राजनाथ सिंह ने कहा की इस निर्णय से केन्द्रीय पुलिस बलों के 78 हजार कर्मियों को तुरंत फायदा मिलेगा। बता दे की पहले यह सुविधा केवल सीनियर रैंक के अधिकारीयों को ही मिलती थी, लेकिन अब यह सुविधा सभी जवानों को मिलेगी। इस सुविधा के बारे में गृह मंत्रालय ने ट्वीट करके जानकारी दी -
The decision will immediately benefit approximately 780,000 personnel of the CAPFs in the ranks of Constable, Head Constable & ASI who were otherwise not eligible earlier. This includes journey on duty and journey on leave, i.e; while going on leave from J&K to home and return.
— गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) February 21, 2019
इस सुविधा से सभी जवानों को फायदा मिलेगा चाहे वो जवान ड्यूटी से लौट रहा हो या उसका ट्रांसफर हो रहा हो या वो छुट्टी पर जा रहा हो या लौट रहा हो। सभी मौकों पर जवानों को श्रीनगर से प्लेन से ही सफर करना पड़ेगा। यह कदम जवानों की सुरक्षा को लेकर लिया गया ताकि अब आगे कही पुलवामा हमले की तरह दूसरा हमला न हो।
बता दे की इसके पहले भी सीआरपीएफ के जवानों ने आने जाने के लिए हवाई यात्रा की सुविधा मांगी थी लेकिन पहले उसे अनसुना कर दिया गया था। लेकिन अब पुलवामा हमले से सबक लेते हुए केंद्र सरकार ने इस निर्णय के साथ एक और फैसला लिया है की जब सेना का काफिला कही से गुजर रहा होगा तो उस समय वहां से आम व्यक्ति को अपना वाहन लाने की इजाजत नहीं होगी। सेना के काफिलों के लिए रूट पर भी कई सारे बदलाव किये जाएँगे। इस सुविधा के लिए काम शुरू कर दिया गया है।