चीन ने एक बार फिर भारत के प्रति अपने दोगले बर्ताव का परिचय खुद दे दिया।चीन ने भारत के दुश्मन पुलवामा आतंकी हमले के जिम्मेदार जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वीटो पॉवर का इस्तेमाल करके वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचा लिया है।चीन हमेशा से ही मसूद अजहर के लिए ढाल बनकर खड़ा होता आया है।10 साल में ये चौथी बार है जब चीन ने वीटो पॉवर का इस्तेमाल मसूद को बचाने में किया है । जहाँ अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे शक्तिशाली देश आतंक का खत्म करने के लिए भारत के साथ खड़े है वही चीन एक ऐसा देश है जो हमेशा ही पाक के साथ आतंक का समर्थन करता नजर आता है।
पुलवामा हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने 27 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा पाबंदी समिति के समक्ष मसूद अजहर पर पाबंदी के लिए प्रस्ताव पेश किया था। परन्तु अंतिम समय में चीन के द्वारा अडंगा लगाने की वजह से इस प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया गया । चीन ने बिना सबूतों के कारवाई का हवाला देते हुए वीटो का इस्तेमाल कर मसूद अज़हर को बचा लिया । इस पर सुरक्षा परिषद ने चीन को चेतावनी देते हुए चीन से कहा है कि अगर वह मसूद अज़हर को लेकर अपने रुख को नहीं बदलेगा तो दूसरी कार्रवाई के विकल्प खुले है।
1267 अलकायदा प्रतिबंध कमेटी के पास इस प्रस्ताव पर विचार के लिए 10 दिन का समय था। यह अवधि न्यूयॉर्क में स्थानीय समयानुसार बुधवार दोपहर 3 बजे और भारतीय समयानुसार रात 12.30 बजे खत्म हो रही थी यह समय-सीमा खत्म होने के ठीक पहले चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर प्रस्ताव को रोक दिया।चीन ने प्रस्ताव के परीक्षण के लिए और वक्त मांगा है।अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की बात पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कंग ने कहा, 'मैं फिर दोहराता हूं कि चीन हमेशा अपने रवैये के मुताबिक जिम्मेदारी निभाता रहेगा।चीन द्वारा वीटो करने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने निराशा प्रकट की है और आतंक के खिलाफ भारत का साथ देने वाले देशो के लिए धन्यवाद भी प्रकट किया है।